‘He’s very powerful, we can’t do anything to him.’ IIT Kanpur Suicid Btech Student | ‘वो बहुत पॉवरफुल हैं, हम उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते’: IIT स्टूडेंट की बहन बोली- भाई एक साल से डरा हुआ था; वो सुसाइड नहीं कर सकता – Kanpur News


मेरा भाई पिछले एक साल से कह रहा था कि कानपुर IIT से किसी प्रोफेसर या सीनियर का फोन तो नहीं आया, कोई घर तो नहीं आया। तुम्हें पापा की कसम है सच बोलना…। वो हमेशा डरा रहता था। कहता था कि वो लोग बहुत पॉवरफुल हैं। हम लोग उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे। लेकिन व

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ये बातें IIT में सुसाइड करने वाले स्टूडेंट जय सिंह मीणा के बड़े भाई धर्मेंद्र सिंह मीणा और बहन डॉ. ज्योति मीणा ने कानपुर में कहीं।

कानपुर में पोस्टमार्टम हाउस में मौजूद जय के भाई और बहन।

कानपुर में पोस्टमार्टम हाउस में मौजूद जय के भाई और बहन।

जय सिंह मीणा के परिजन पहुंचे कानपुर

सोमवार यानी 29 दिसंबर को बायोलॉजिकल साइंस से बीटेक 4th ईयर के छात्र जय सिंह मीणा (26) ने सुसाइड कर लिया था। उसने हॉस्टल नंबर दो के रूम नंबर 148 में पंखे से लटककर जान दे दी। सुसाइड की सूचना पर मंगलवार की सुबह जय सिंह मीणा के भाई धर्मेंद्र, बहन ज्योति, मौसेरी बहन पारूल, जीजा नरेंद्र, मामा पवन सिंह, महेंद्र सिंह समेत अन्य परिजन पहुंचे।

बैंक की तैयारी कर रहे जय के भाई धर्मेंद्र ने बताया- पापा गौरी शंकर मीणा एसबीआई में मैनेजर थे। 2008 में उनकी सड़क हादसे में मौत हो गई थी।

आईआईटी छात्र जय सिंह मीणा अपने मम्मी और बहन के साथ।

आईआईटी छात्र जय सिंह मीणा अपने मम्मी और बहन के साथ।

रविवार को मां से कहा था, मेरे साथ गांव चलना

धर्मेंद्र ने कहा- जय की रविवार को मां तारादेवी से बात हुई थी। उसने कहा था कि मैं सोमवार को घर आऊंगा तो तकराना झुनझुगन गांव में लेकर चलूंगा। हालांकि मां ने कहा- बेटा बाद में चलूंगी। अभी रिजर्वेशन कैंसिल करा दो। मंगलवार को मेरे साथ चलना।

धर्मेंद्र ने बताया- बाद रिजर्वेशन कैंसिल कराने के बाद सोमवार सुबह रिजर्वेशन कराने के लिए जय को सुबह 10 बजे पहला फोन किया। लेकिन उसका फोन नहीं उठा। इसके बाद सभी ने करीब 50 से 60 कॉल किए लेकिन उसने कॉल रिसीव नहीं किया।

हमने उसके वॉट्सऐप कॉल का लास्ट सीन देखा तो रविवार सुबह 11:30 बजे दिखा। इसके बाद हम लोग डर गए। अनहोनी की आशंका के चलते जय के दोस्त सुमित को कॉल किया।

सुमित ने अपने दोस्त विकास मीणा को जय के रूम पर भेजा। दोस्त ने काफी देर तक दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं आया। छात्रों ने खिड़की से झांक कर देखा, तो शव फंदे पर लटक रहा था। तुरंत प्रबंधन और पुलिस को मामले की जानकारी दी गई।

कल्याणपुर पुलिस कमरे का दरवाजा तोड़ कर अंदर पहुंची। छात्र के शव को फंदे से उतारकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।

कानपुर में पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे जय सिंह राणा के भाई धर्मेंद्र का रो-रोकर बुरा हाल है।

कानपुर में पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे जय सिंह राणा के भाई धर्मेंद्र का रो-रोकर बुरा हाल है।

परिवार का रीढ़ का मेरा भाई

धर्मेंद्र ने बताया- भाई परिवार का रीढ़ था। उसका 4 दिसंबर को बैक पेपर क्लियर को गया था। इस पर वह बहुत खुश था। मुझे उसने कॉल किया तो मैंने उससे कहा- घर आ जाओ। तो उसने कहा- बस 2 से 3 तीन में आ रहा हूं।

धर्मेंद्र बताया- मेरा भाई पढ़ाई की वजह से मर नहीं सकता, उस पर कोई और ही प्रेशर था, जिस वजह से उसने हाथ की नस काटी और फिर फंदे से लटक कर सुसाइड कर लिया। उन्होंने कहा- भाई ने कुछ समय पहले काउंसिलिंग ली थी, जिसके बाद काउंसलर ने बताया भी था कि अब आपका भाई पूरी तरह से हेल्दी है।

बहन ज्योति ने भाई की मौत के बाद लिखित तहरीर कल्याणपुर थाने में देकर जांच कराने की मांग की है।

बहन ज्योति ने भाई की मौत के बाद लिखित तहरीर कल्याणपुर थाने में देकर जांच कराने की मांग की है।

आखिरी बार दीपावली को घर गया था जय

जय की बहन डॉ. ज्योति मीणा ने कहा- मेरा भाई पूरी तरह से नॉर्मल था, मेरी आईआईटी प्रशासन से मांग है कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करें। जिससे आगे किसी होनहार की जान न जाए। बहन कहा- बीते एक साल से भाई लगातार फोन कर पूछता था कि कैंपस से किसी सीनियर, दोस्त का फोन आया क्या? मैं मना करती थी तो वह मानता नही था, मुझसे कहता था कि पापा की कसम खाओ, पापा की कसम खाने पर वह मानता था।

मेरी उससे आखिरी बार रविवार को 11:30 बजे बात हुई थी, बातचीत में वह बहुत ही खुश लग रहा था। दिवाली पर वह घर आया था। तब हमनें खूब पटाखे फोड़े थे। पापा की मौत के बाद उनकी पेंशन से उसकी पढ़ाई चल रही थी। वह अपनी जिम्मेदारियां बखूबी समझता था।

कहता था कि पापा की मौत हो गई है, अब किसी न किसी को तो जिम्मेदारियां लेनी पड़ेंगी। पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव लेकर राजस्थान रवाना हो गए। इससे पहले उन्होंने कल्याणपुर थाने में मामले की पूरी जांच कराए जाने की मांग को लेकर तहरीर भी दी।

IIT में 80% सुसाइड की घटना कैंपस के अंदर हुई IIT कानपुर के पूर्व छात्र और ग्लोबल IIT एलुमनाई सपोर्ट ग्रुप के संस्थापक धीरज सिंह का कहना है कि यह जानना बहुत जरूरी है कि क्या IIT कानपुर ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार कैंपस में पिछले आठ आत्महत्या के मामलों के लिए पुलिस में FIR दर्ज कराई है या नहीं।

ज्यादातर आत्महत्याएं सेमेस्टर के आखिर में होने वाले एग्जाम के आसपास होती हैं। जबकि छुट्टियों के दौरान सबसे कम मामले होते हैं, जो इन दुखद घटनाओं में एकेडमिक स्ट्रेस की मुख्य भूमिका की ओर इशारा करता है। इसके अलावा, 80% से ज़्यादा आत्महत्याएं कैंपस के अंदर हुईं, न कि बाहर, जो कैंपस के माहौल में संभावित स्थानीय कारणों की ओर इशारा करता है।

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आगरा में महिला से हुई अश्लील हरकत के मामले में पुलिस ने आरोपियों के फेवर में चार्जशीट लगा दी। चार्जशीट के बारे में जांच अधिकारी को पता भी नहीं चला। SI नीतू का कहना है कि इंस्पेक्टर ने उनको बिना बताए ही चार्जशीट लगवा दी। महिला SI का ऑडियो भी सामने आया है। जिसमें महिला SI पीड़िता से बात कर रही हैं। पढ़िए पूरी खबर



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