People are facing problems due to garbage being dumped on the road in front of the District Collectorate. | जिला कलेक्ट्रेट के सामने सड़क पर गंदगी डालने से लोगों को परेशानी – Karauli News


करौली1 घंटे पहले

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करौली| जिला कलेक्ट्रेट के सामने आसपास के दुकानदारों व ठेले वालों की ओर से सड़क पर गंदगी डालने से वहां गंदगी का ढ़ेर लगा रहता है। गंदगी के ढ़ेर से राहगीरों व वाहन चालकों को दुर्गंध से परेशान होने के साथ मौसमी बीमारियों की आशंका बनी रहती है। इस संबंध में



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Farming done away from tradition in the state | प्रदेश में परम्परा से हटकर खेती की: नई फसल उगाने के प्रयोग किए, उपज को सालाना लाखों रुपए आमदनी का जरिया बनाया – Ajmer News



झुंझुनूं‎: कोट गांव में लहलहा रहे चंदन के 500 पेड़, 5 साल में 15 फीट ऊंचे हुए

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झुंझुनूं‎ | अरावली की वादियों में चंदन के पेड़ लगाना किसी कल्पना से कम नहीं है। क्योंकि अरावली पर्वतमाला मुख्य रूप से पथरीली और शुष्क पहाड़ियों के लिए जानी जाती है, जबकि चंदन के पेड़ गर्म व आर्द्र जलवायु क्षेत्र में उगते हैं। इसके बावजूद कोट गांव में एलआईसी से सेवानिवृत्त विकास अधिकारी महेश कुमार पारिक ने चंदन की खेती कर इसे संभव कर दिखाया है।

उन्होंने 5 साल पहले दो हेक्टेयर भूमि में 500 पौधे लगाए थे, जो अब 15 फीट के पेड़ बनकर लहलहा रहे हैं। उनकी मेहनत के कारण चंदन के पौधे पांच साल में करीब 15 फीट ऊंचे हो गए हैं। पहली बार 2019 में भी चंदन के पौधे लगाए गए थे।

अजमेर: सर्दियों में कर रहे ऑफ-सीजन सब्जियों की खेती

सर्दी में उत्तर प्रदेश के किसान अजमेर हाइवे से सटे खेतों को किराए पर लेकर आधुनिक तकनीक से लौकी, खीरा, खरबूजा, तरबूज और करेले की खेती कर रहे हैं। फसलों को ठंड, धूल-मिट्टी और कीट-पतंगों से बचाने के लिए पॉलीथिन शीट से ढककर पाइपनुमा लो-टनल (क्यारियां) बनाई गई हैं। इन टनलों में ड्रिप इरिगेशन सिस्टम से पानी और पोषक तत्वों की सप्लाई की जा रही है। इस तकनीक से मात्र 3 माह में फसल तैयार हो जाती है। किसान सद्दाम हुसैन बताते हैं कि पॉलीथिन कवर से तापमान नियंत्रित रहता है। सर्दी में भी गर्मी वाली सब्जियां उगाई जा सकती हैं।

उदयपुर: स्ट्रॉबेरी की खेती, सवा लाख पौधों से एक करोड़ कमाई की आस

उदयपुर | मावली के नारायण सिंह राव ने उदयपुर-राजसमंद बॉर्डर पर पिछले साल स्ट्रॉबेरी की खेती की थी। चार महीने में 6 लाख रुपए की कमाई की थी। इस बार नारायण सिंह ने रकबा बढ़ाकर सवा लाख पौधे लगाए हैं। इनसे करीब सवा करोड़ रुपए की बिक्री होगी। खर्च 26 लाख रुपए निकालने के बाद करीब एक करोड़ कमाई की आस है।

अक्टूबर में बुवाई के बाद तीन महीने तक स्ट्रॉबेरी के फल आते हैं। पिछले साल डॉ. महेश दवे के 5 बीघा में खेती की थी। इस बार 12 बीघा में स्ट्रॉबेरी बोई है। डॉ. महेश दवे का खेत राजसमंद सीमा में आता है, वहीं शेष 7 बीघा उदयपुर की ईसवाल पंचायत में आता है।

बाड़मेर: नेपियर घास से रोज बनेगी 6.50 टन बायो-सीएनजी

बाड़मेर | बायो-सीएनजी गैस उत्पादन के लिए नेपियर घास पर आधारित प्रदेश का पहला ऐसा बायो-सीएनजी प्लांट बाड़मेर जिले में लग रहा है। यह रोज 6.50 टन उत्पादन करेगा। बायो-सीएनजी निकलने के बाद लिक्विड और सूखा जो वेस्ट निकलेगा, वह फसलों के लिए सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली जैविक खाद के रूप में काम आएगा। सांचौर की एक निजी कंपनी द्वारा चौहटन क्षेत्र के कोनरा व ईटादा के बीच बायो-सीएनजी का प्लांट विकसित किया जा रहा है।



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sirsa handi khera baba sanjay bhagat wife online Jhade | Haryana News | हरियाणा के हांडी खेड़ा बाबा की पत्नी के ऑनलाइन झाड़े: नशा छुड़वाने, ग्रह दोष दूर करने का दावा, संजय भगत बोला- ये बाबा की कृपा – Sirsa News


दरबार में ऑनलाइन झाड़ा लगाती हांडी खेड़ा बाबा की पत्नी पूजा।

हरियाणा के सिरसा में झाड़े की आड़ में महिला के निजी अंग से छेड़छाड़ के वीडियो से विवादों में घिरा हांडी खेड़ा बाबा यानी संजय भगत फिर सुर्खियों में है। इस बार उसकी चर्चा पत्नी के वीडियो को लेकर है। इस वीडियो में संजय की पत्नी पूजा मोबाइल आगे रखकर किसी को

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इससे पहले सिरसा के हांडी खेड़ा गांव के लोगों ने संजय भगत का विरोध किया था। ग्रामीणों ने घेरेबंदी करके उसके दरबार में आने से लोगों को रोका। उसके बाद संजय भगत अपना टीन-टप्पर उठाकर बीकानेर के अर्जुनसर में नया डेरा बनाने पहुंच गया। इससे पहले उसे डेरा जमता वहां के लोगों को उसके वायरल वीडियो के बारे में पता चल गया।

यहां भी उसका विरोध शुरू हो गया। पुलिस पहुंची और बाबा को वहां से खदेड़ दिया गया। उसके बाद से संजय भगत अपने गांव हांडी खेड़ा लौट आया। यहां अभी वह दरबार व झाड़ा लगाने से दूर है। इसी बीच उसकी पत्नी के झाड़ा लगाने का वीडियो सामने आ गया। इस मामले में संजय भगत का कहना है कि बाबा की कृपा किसी पर भी हो सकती है।

वीडियो कॉल पर झाड़ा लगाती संजय भगत की पत्नी पूजा।

वीडियो कॉल पर झाड़ा लगाती संजय भगत की पत्नी पूजा।

मोबाइल सामने रख वीडियो कॉल पर नशेड़ी को झाड़ा वीडियो में दिख रहा है कि पूजा गद्दी पर बैठी है। सामने मोबाइल रखा है, जिसमें किसी नशेड़ी से वीडियो कॉल चल रही है। इस दौरान पूजा लगातार मोबाइल पर मोर पंख से झाड़ा दे रही है। बताया जा रहा है कि धाम में भीड़ में लोगों को और ऑनलाइन दोनों तरह से झाड़ा लगा रही है। यह वीडियो दिल्ली के राधिका धाम का बताया जा रहा है। यह जगह दिल्ली में राजधानी पार्क मेट्रो स्टेशन के पास बताई जा रही है। हांडी खेड़ा के ग्रामीणों का कहना है कि इससे पहले इस महिला काे झाड़ा लगाते नहीं देखा।

राजस्थान से खदेड़ने के बाद कभी-कभार दिख रहा संजय भगत ग्रामीणों ने बताया कि संजय भगत राजस्थान से आने के बाद करीब एक महीने गांव हांडी खेड़ा में रहा। जब संजय भगत ने गांव में दोबारा दरबार लगाने की कोशिश की तो ग्रामीणों ने फिर विरोध शुरू कर दिया। इसके चलते संजय अपने घर पर ही झाड़े लगाने लगा। इस बीच कभी-कभार वह गांव से बाहर रहने लगा। कई-कई दिन तक बाहर रहा। अब अचानक संजय की पत्नी पूजा झाड़े लगाने लगी।

कम पढ़ी-लिखी, अभी तक घर ही संभाल रही थी ग्रामीणों का कहना है कि संजय की पत्नी पूजा ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं है। जब संजय गांव में दरबार लगाता था, तब भी वो कम ही नजर आती थी। वो अक्सर घर ही संभालती थी। दरबार में संजय की मां अवश्य नजर आती थी। जब संजय घर पर झाड़े लगाता है तो उसकी पत्नी वहां मौजूद रहती थी।

हांडी खेड़ा बाबा उर्फ संजय भगत अनुयायियों को संदेश देता हुआ।

हांडी खेड़ा बाबा उर्फ संजय भगत अनुयायियों को संदेश देता हुआ।

अब सिलसिलेवार पढ़ें…कभी हेयर ड्रेसर-कबाड़ी रहे संजय की बाबा बनने की कहानी

गांव में कई कामों हाथ आजमाया, फिर बाबा बना 30 वर्षीय संजय तीन भाइयों में मंझला है। करीब 10 साल पहले खेतीबाड़ी करता था। कभी हेयर ड्रेसर बना तो कभी किरयाणा की दुकान की। कुछ दिन कबाड़ी का भी काम किया। भाई की बच्ची को गोद लिया हुआ है। अचानक गांव से बाहर चला गया और वापस लौटने पर बाबा बन गया और झाड़े लगाने शुरू कर दिए।

पहले घर में झाड़े लगाए, फिर दरबार शुरू किया शुरू में संजय ने करीब दो साल पहले घर पर झाड़े लगाने शुरू किए थे। उसके वीडियो सोशल मीडिया पर डालने के लिए टीम रखी। धीरे-धीरे प्रचार होता गया और भीड़ बढ़ने लगी। घर में जगह कम पड़ने लगी तो गांव के बाहर तीन कनाल भूमि ठेके पर लेकर अस्थायी शेड लगाकर दरबार बना लिया। वहां पर बाहर से लोग आने लगे।

महिला के निजी अंग दबाने का वीडियो वायरल हुआ ​​​​​​​करीब चार माह पहले संजय भगत का हांडी खेड़ा दरबार में झाड़े के नाम पर महिला के निजी अंग दबाने का वीडियो वायरल हुआ। इसके बाद ग्रामीणों का विरोध बढ़ गया। ग्रामीण गांव में पहरा देने लगे और बाहर से आने वाले अनुयायियों को वापस भेजना शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने एतराज जताया और आरोप लगाया कि गांव में माहौल खराब हो रहा है। पाखंडवाद फैलने से गांव की बदनामी हो रही है।

संजय भगत का महिला के निजी अंग से छेड़छाड़ करते हुए इलाज करने के दावे वाला वीडियो वायरल हुआ था।

संजय भगत का महिला के निजी अंग से छेड़छाड़ करते हुए इलाज करने के दावे वाला वीडियो वायरल हुआ था।

बीकानेर में डेरा बनाने की कोशिश की ​​​​​​​ग्रामीणों का विरोध देख संजय भगत ने कुछ दिन दरबार बंद रखा। लोगों को लगा सुधर गया है। इसी बीच एक वीडियो सामने आया। जिसमें बाबा ने कहा कि अब राजस्थान के बीकानेर में अर्जुनसर शहर के पास नया डेरा बन रहा है।यहां रिश्तेदार की जमीन लीज पर लेकर वहां नया हांडी खेड़ा धाम बनाना शुरू कर दिया। वहां भी ऐसे ही झाड़े के नाम नशा छुड़वाने एवं शादी करवाने के दावे वाले वीडियो बनवाकर वायरल करवाने शुरू कर दिए।

बाबा की हरकतों का पता चला तो वहां भी विरोध ​​​​​​​वहां बाबा की हरकतों का पता चला। ग्रामीणों ने राजस्थान पुलिस को शिकायत दे दी। जिस पर पुलिस ने संजय को पूछताछ को लेकर गई और दरबार बंद करने व ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने को कहा। इस पर संजय वापस हांडी खेड़ा आ गया। यहां आने पर घर ही रहा।

संजय ने वीडियो जारी कर माफी मांगी थी और दावों से पलटा ​​​​​​​संजय भगत ने राजस्थान से आने पर नया वीडियो जारी किया और कहा कि उससे कोई गलती हो गई है या किसी का बुरा हो गया है तो इसके लिए सभी से माफी मांगी थी। मैं घमंडी हूं। घमंड तो रावण का भी नहीं रहा था।

संजय अपने झाड़ों से ठीक करने के दावों से भी पीछे हट गया। वीडियो में कहा कि पहले डॉक्टर से चेक कराएं और बाद में झाड़ा लगवाएं। ऐसी गारंटी नहीं है कि झाड़े से ठीक हो जाएंगे। जबकि पहले संजय भगत वीडियो में दावे करता था कि झाड़े से सब कुछ ठीक हो जाता है। जैसे शादी, औलाद हो जाती है, नशे से मुक्ति मिल जाती है।

संजय भगत ने राजस्थान जाकर असरासर में जमीन में दफन होकर भक्ति करने के वीडियो बनाए।

संजय भगत ने राजस्थान जाकर असरासर में जमीन में दफन होकर भक्ति करने के वीडियो बनाए।

ग्रामीण बोले- गांव में पाखंड नहीं फैलाने देंगे हांडी खेड़ा गांव के रघुबीर, सुरेश, नानूराम, सोनू, महेंद्र, जय सिंह, विजय ने कहा कि राजस्थान से लौटने के बाद संजय भगत ने फिर गांव में डेरा जमाने की कोशिश की थी। ग्रामीणों ने विरोध किया। सभी एकमत हैं कि बाबा या उसकी पत्नी बाहर चाहे कुछ भी करें, गांव में पाखंड नहीं करने देंगे।

बाबा बोला- बाबा की कृपा चाहिए, पत्नी पहले भी लगाती थी झाड़े अब पत्नी द्वारा झाड़े लगाने का वीडियो सामने आने के बाद दैनिक भास्कर एप ने इस बारे में बाबा संजय भगत से बातचीत की। संजय ने कहा कि वह घर पर ही झाड़े लगा रहा है। पत्नी भी झाड़े लगाती है। पहले भी लगाती थी। बाबा की कृपा चाहिए। कोई भी लगा सकता है। इन दिनों वह बाहर है, आकर पूरी जानकारी देगा।

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हांडीखेड़ा बाबा की महिला की छाती दबाने पर सफाई:सिरसा में बोला- उसके स्तन में दर्द था, जो किया, खुलेआम किया, कमरे में नहीं

हरियाणा के सिरसा में हांडी खेड़ा में दरबार लगाने वाले बाबा संजय भगत का आपत्तिजनक वीडियो सामने आने के बाद लगातार विरोध हुआ। दैनिक भास्कर एप से बातचीत में संजय भगत ने सफाई देते हुए कहा था कि महिला की छाती में गांठ की वजह से दर्द था। मैंने दरबार में सबके सामने इलाज किया। गलत तब होता जब हम कमरे के अंदर होते। महिला भी ठीक हो गई है। पढ़ें पूरी खबर…



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Salman Ali teaches Guruvani to children and also performs Shabad Kirtan in Gurudwaras. | धर्म-समाज: बच्चों को गुरुवाणी सिखाते हैं सलमान अली, गुरुद्वारों में शबद कीर्तन भी करते हैं – Bharatpur News



धार्मिक कट्टरता के माहौल के बीच सलमान अली जैसे अभी भी कुछ लोग हैं, जो दीपक बनकर सद्भाव की लौ को जलाए हैं। सलमान अली संगीत से जुड़े हैं और बच्चों को गुरुवाणी सिखा रहे हैं। अब तक करीब 28 से ज्यादा बच्चों को उन्होंने गुरुवाणी सिखाई है। इनमें से 8 से ज्य

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सत्ताईस वर्षीय सलमान अली खानदानी गवैये हैं। उनके बाप-दादा भी शास्त्रीय संगीत गायन और वादन से जुड़े रहे हैं। मूलत: राया, जिला मथुरा के निवासी सलमान काफी समय से भरतपुर में रह रहे हैं और बच्चों को गुरुवाणी सहित शास्त्रीय संगीत सिखा रहे हैं। नतीजा सकारात्मक है।

श्री गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष एवं पूर्व डिप्टी मेयर इंद्रपाल सिंह कहते हैं कि इन बच्चों का अपना अलग रागी जत्था है, जो पाई बाग स्थित मुख्य गुरुद्वारे सहित शहर के अन्य गुरुद्वारों में शबद कीर्तन करने आते हैं। ये बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ धार्मिक आस्था से जुड़कर गुरुवाणी सीख रहे हैं। प्रमुख पर्वों पर सजने वाले दीवानों में इस बाल रागी जत्थे को भी शबद कीर्तन का मौका मुहैया होता है। इन बच्चों ने काफी मेहनत से रागों को पकड़ा है और शब्दों की शुद्धता बताती है कि बच्चे मेहनत और आस्था से गुरुवाणी सीख रहे हैं।



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Gurugram DLF Camellias Flat Deal Controversy | गुरुग्राम में सस्ते लग्जरी फ्लैट्स का झांसा, 200 करोड़ ठगे: बैंक नीलामी के नकली डॉक्यूमेंट दिखाते, मास्टरमाइंड प्रॉपर्टी डीलर पर 16 केस; गोवा तक नेटवर्क – gurugram News


गुरुग्राम में अल्ट्रा लग्जरी प्रॉपर्टी को सस्ते दाम पर दिलाकर ठगी करने वाले गिरोह को पुलिस ने अरेस्ट किया है।

गुरुग्राम में अल्ट्रा प्रीमियम कैमेलियाज सोसाइटी और एंबियंस मॉल में सस्ते फ्लैट दिलाने का लालच देकर ठगने वाले गिरोह ने दिल्ली से लेकर गोवा तक जाल फैला रखा था। यह बैंक के नकली नीलामी डॉक्यूमेंट्स दिखाकर बाजार से कम कीमत पर प्रॉपर्टी दिलाने का झांसा दे

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इनका नेटवर्क दिल्ली-NCR से शुरू होकर उत्तर से दक्षिण तक फैला था। मास्टरमाइंड मोहित गोगिया और उसके साथी साजिशकर्ता राम सिंह उर्फ बाबाजी के खिलाफ दिल्ली, पंजाब, मध्य प्रदेश, गोवा और चंडीगढ़ में कुल 16 मामले दर्ज हैं। इसी मोडस आपरेंडी से सिंडिकेट ने 200 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की। ठगे गए पैसे को कई बैंक खातों और बाबाजी फाइनेंस फर्म के माध्यम से उच्च ब्याज पर घुमाया जाता था।

ठगी का सिंडिकेट चलाने वाले ठगों की हिस्ट्री जानिए….

  • मास्टरमाइंड मोहित गोगिया: 38 वर्षीय मोहित इस ठगी सिंडिकेट का मुख्य सरगना है। दिल्ली में पूर्वी पटेल नगर का रहने वाला यह आरोपी पुराना अपराधी है। उसके खिलाफ दिल्ली, पंजाब, मध्य प्रदेश, गोवा आदि में कुल 16 मामले दर्ज हैं। जिनमें अधिकांश धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश से जुड़े हैं। वह विवादित या गैर-मौजूद प्रॉपर्टी की पहचान करता था, नकली SBI नीलामी दस्तावेज तैयार करवाता था और पीड़ितों को कम कीमत पर लग्जरी फ्लैट बेचने का लालच देता था। ठगे गए पैसे का 40% हिस्सा खुद रखता था जबकि 60% राम सिंह उर्फ बाबाजी को देता था।
  • मुख्य साजिशकर्ता राम सिंह उर्फ बाबाजी: राम सिंह उर्फ बाबाजी इस रैकेट का सबसे बड़ा सरगना और धन शोधन का मुख्य संचालक है। वह अपनी फर्म बाबाजी फाइनेंस के जरिए ठगे गए पैसे को उच्च ब्याज पर घुमाता था और पूरे नेटवर्क को फंडिंग उपलब्ध कराता था। मोहित गोगिया सहित सभी आरोपी उसके इशारे पर काम करते थे। ठगी से मिले पैसे से दो स्कॉर्पियो कारें खरीदी गईं, जो उसके पायलट और एस्कॉर्ट के रूप में इस्तेमाल होती थीं। वर्तमान में फरार है और पुलिस की टीमें उसकी तलाश में जुटी हैं। उसके खिलाफ भी कई राज्यों में मामले दर्ज हैं।
गुरुग्राम में अल्ट्रा प्रीमियम प्रॉपर्टी दिलाने के नाम पर 200 करोड़ रुपए ठगने के आरोपियों को दिल्ली पुलिस ने पकड़ा है।

गुरुग्राम में अल्ट्रा प्रीमियम प्रॉपर्टी दिलाने के नाम पर 200 करोड़ रुपए ठगने के आरोपियों को दिल्ली पुलिस ने पकड़ा है।

  • विशाल मल्होत्रा: 42 वर्ष का विशाल प्रॉपर्टी डीलर है। जिसने राम सिंह उर्फ बाबाजी के निर्देश पर HDFC बैंक में करंट खाता खोला। मोहित गोगिया की फर्म से ठगा गया पैसा उसके खाते में आता था, जिसे वह आगे ट्रांसफर करता और बड़ी रकम नकद निकालकर बाबाजी को सौंपता था। बदले में कमीशन लेता था। वह अवैध गतिविधियों की पूरी जानकारी रखता था और धन शोधन में सक्रिय भूमिका निभाता था।
  • सचिन गुलाटी: इसने अपना IDFC फर्स्ट बैंक खाता धोखाधड़ी के फंड्स को घुमाने के लिए उपलब्ध कराया। ठगा गया पैसा उसके खाते से होकर गुजरता था और वह राम सिंह के निर्देश पर आगे ट्रांसफर करता था। उसके खिलाफ पहले भी धोखाधड़ी का मामला हरि नगर थाने में दर्ज है। वह मोहित और बाबाजी के साथ मिलकर धन शोधन में सहयोग करता था।
  • अभिनव पाठक: 35 वर्षीय अभिनव मेडिसिन डिस्ट्रीब्यूटर है। उसने मोहित गोगिया को पीड़ित से मिलवाया और धोखाधड़ी करने में मदद की। अभिनव ने इस धोखे को सच दिखाने में मदद की और उसे इस काम के बदले में कुछ पैसे मिले। उसने एक दलाल की तरह काम किया और पीड़ितों को आरोपी से मिलवाया।
  • भारत छाबड़ा: 33 वर्ष के इस आरोपी ने जालसाजी में सीधी टेक्निकल सहायता दी। उसका लैपटॉप इस्तेमाल करके मोहित गोगिया और अन्य आरोपी फर्जी गिरवी, बिक्री प्रमाणपत्र, नीलामी दस्तावेज आदि तैयार करते थे। वह दस्तावेजों की फोर्जरी में विशेषज्ञ था और सिंडिकेट के लिए नकली कागजात बनाने का काम संभालता था।

DLF कैमेलियाज के बारे में जानिए DLF कैमेलियाज गुरुग्राम के DLF-5 में स्थित एक अल्ट्रा-लग्जरी आवासीय परियोजना है। यहां 4, 5 और 6 BHK के बड़े अपार्टमेंट और पेंट हाउस हैं, जिनका क्षेत्रफल 7400 से 22000+ वर्ग फुट तक है। हाफिज कॉन्ट्रेक्टर द्वारा डिजाइन की गई शानदार वास्तुकला में हर टावर के हर फ्लोर पर एक अपार्टमेंट और 11 फीट की छत की ऊंचाई है।

यहां 1.3 एकड़ का क्लब हाउस (जिम, मूवी थिएटर, वाइन बार, बॉलिंग एली), वाटर गार्डन, मिस्टिंग की सुविधा वाली बड़ी बालकनी और 24×7 सिक्योरिटी जैसी सुविधाएं हैं। DLF कैमेलियाज उद्योगपतियों, शीर्ष कॉर्पोरेट अधिकारियों और जोमैटो, बोट, आयो जैसी कंपनियों के मालिकों का पसंदीदा ठिकाना है, जो इसे देश के सबसे विशिष्ट और महंगे प्रॉपर्टी सेगमेंट में से एक बनाता है। यह गोल्फ कोर्स रोड (सेक्टर 42) पर स्थित है।



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Discovery of 2 rare snakes | 2 दुर्लभ सांपों की खोज: प्रदेश में पहली बार दर्ज हुई नई प्रजातियां – pratapgarh (Rajasthan) News



जिले से राजस्थान के वन्यजीव इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि सामने आई है। जिले के शुष्क पर्णपाती वनों से दो अत्यंत दुर्लभ सांपों इंडियन स्मूथ स्नेक (वालोफिस ब्राकियुरा) और स्लेंडर कोरल स्नेक (कैलियोफिस मिलेनुरस) की पहली बार पहचान दर्ज की गई है। इस खो

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यह उपलब्धि स्थानीय सर्पमित्रों, वन्यजीव प्रेमियों और शोधकर्ताओं के समन्वित प्रयासों का परिणाम है, जिसे अब भारत के प्रतिष्ठित जर्नल ऑफ थ्रेटंड टैक्सा में प्रकाशित भी किया जा चुका है। संपूर्ण विश्व में केवल भारत में पाए जाने वाले इंडियन स्मूथ स्नेक की खोज प्रतापगढ़ जिले में होना अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण है। यह सांप मार्च 2024 में प्रतापगढ़ के सर्पमित्र बीएल मेघवाल को एक घर से रेस्क्यू के दौरान मिला।



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Two months of marriage, two days of suicide | दो महीने की शादी, दो दिन के अंतराल में सुसाइड: पत्नी बेंगलुरु, पति ने नागपुर आकर जान दी; श्रीलंका से हनीमून छोड़कर लौटे थे


बेंगलुरु/नागपुरकुछ ही क्षण पहले

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महाराष्ट्र के नागपुर स्थित एक होटल में शनिवार को 36 साल के सूरज शिवन्ना ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसकी 60 साल की मां जयंती ने भी आत्महत्या की कोशिश की थी, लेकिन वह बच गई। सूरज बेंगलुरु के विद्यारण्यपुरा इलाके का रहने वाला था।

उसकी मौत से दो दिन पहले, 25 दिसंबर को उसकी पत्नी गणवी (26 साल) ने भी बेंगलुरु में आत्महत्या की थी। दोनों की दो महीने पहले ही शादी हुई थी। गणवी के माता-पिता ने सूरज और उसके परिवार के खिलाफ दहेज प्रताड़ना और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज करवाया था।

गणवी के परिवार ने ससुरालवालों के घर के सामने विरोध प्रदर्शन भी किया और उनकी गिरफ्तारी की मांग की। गिरफ्तारी से बचने के लिए सूरज अपनी मां और भाई के साथ बेंगलुरु से 1000 किलोमीटर लंबी सड़क यात्रा करने के बाद नागपुर आया था।

पुलिस के मुताबिक, सूरज एक ऑनलाइन डिलीवरी सर्विस के फ्रेंचाइजी का मालिक था। गणवी MBA ग्रेजुएट थी। दोनों की 29 अक्टूबर को बेंगलुरु में धूमधाम से शादी हुई थी। शादी के बाद दोनों कुछ दिन बेंगलुरु में साथ रहे थे।

फिर दोनों 10 दिन के हनीमून पर श्रीलंका चले गए। श्रीलंका में सूरज को गणवी के शादी से पहले के एक रिलेशनशिप की जानकारी लगी, जिसको लेकर कपल के बीच विवाद शुरू हुआ। फिर दोनों पांच दिन में ही हनीमून छोड़कर बेंगलुरु लौट आए।

वापसी के बाद दोनों के परिवार ने सुलह की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद गणवी 25 दिसंबर को अपने पिता के घर चली गई और कुछ घंटों बाद उसने फांसी लगा ली। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। गणवी के परिवार ने सूरज और उसके परिजनों के खिलाफ FIR दर्ज कराई।

पुलिस के मुताबिक, केस दर्ज होने के बाद सूरज अपनी मां जयंती और भाई संजय के साथ बेंगलुरु से निकल गया। तीनों पहले हैदराबाद गए और फिर 26 दिसंबर को नागपुर पहुंचे। रात करीब 9:30 बजे उन्होंने एक होटल में दो कमरे बुक किए।

रात करीब 12:30 बजे जयंती सूरज के कमरे में आई तो सूरज को फांसी पर लटका हुआ पाया। बेटे को मरा देखकर उसने भी फांसी लगाने की कोशिश की। हालांकि, फंदा टूट गया और उसकी चीख सुनकर होटल के कर्मचारी मौके पर जमा हो गए। वहां जयंती बेहोश हालत में मिली।

वहीं, सूरज को एम्स नागपुर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने सूरज के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजकर उसके भाई संजय का बयान दर्ज किया गया। संजय ने दहेज के आरोपों से इनकार किया और कहा- गणवी के परिवार ने हमें जान से मारने की धमकी दी थी। मेरा भाई डरा हुआ था और उसने माफी भी मांगी थी।

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Punjab drug officer navneet kaur beauty contest struggle story | पंजाब की लेडी ड्रग अफसर फैशन की दुनिया में छाई: मिसेज नेशनल में फर्स्ट रनरअप रहीं, सिंगल मदर, चोट लगी तो 6 महीने बेड पर रहीं – Mohali News


पंजाब की लेडी ड्रग अफसर नवनीत कौर ने ड्यूटी के साथ-साथ अब फैशन की दुनिया में भी पंजाब के साथ ही देश को पहचान दिलाई है। उन्होंने सुप्रा मिसेज नेशनल 2025 कांटेस्ट में भारत को रिप्रजेंट करते हुए फर्स्ट रनर-अप का खिताब अपने नाम किया है। उनका दावा है कि य

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उनका यह सफर काफी संघर्षपूर्ण और चुनौतीपूर्ण रहा है। एक समय ऐसा भी आया जब वह पूरी तरह बेड पर आ गई थीं। रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट लगने के कारण उन्हें छह महीने तक बेड पर रहना पड़ा। डॉक्टरों का कहना था कि शायद वह दोबारा चल भी न सकें, लेकिन उन्होंने खुद को पाजीटिव बनाए रखा, दोगुनी ताकत के साथ खुद को फिर से तैयार किया और आज पूरी तरह उत्साहित हैं।

ड्रग अफसर नवनीत कौर ने अपने स्ट्रगल के बारे में जानकारी दी।

ड्रग अफसर नवनीत कौर ने अपने स्ट्रगल के बारे में जानकारी दी।

25 देशों से आए थे प्रतियोगी नवनीत बताती हैं कि यह मुकाबला काफी चुनौतीपूर्ण था। इसमें पूरी दुनिया से 25 देशों के प्रतियोगी शामिल हुए थे, जबकि फाइनल में 12 देशों के प्रतियोगी पहुंचे थे। इसमें पहले नंबर पर रूस, दूसरे नंबर पर भारत और तीसरे नंबर पर उराल का रहा। आज इस दिन को याद कर खुशी होती है कि वह इस स्तर पर पहुंची।

ब्यूटी कॉन्टेस्ट के दौरान पोज देतीं ड्रग अफसर नवनीत कौर।

ब्यूटी कॉन्टेस्ट के दौरान पोज देतीं ड्रग अफसर नवनीत कौर।

छह साल की उम्र में बनी RJ नवनीत बताती हैं कि वह एक फौजी परिवार से आती हैं। उनके पिता भारतीय वायुसेना में अधिकारी हैं, जबकि माता शिक्षिका हैं। चुनौतियों से लड़ने का जज्बा उन्हें विरासत में मिला है। बचपन में पठानकोट से केरल, राजस्थान से मेघालय और गुजरात तक भारत के विभिन्न हिस्सों में वायुसेना स्टेशनों पर उनका परिवार रहा।

इसी दौरान उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू किया। उनका पहला बड़ा अवॉर्ड बाल चित्र रत्न अवॉर्ड रहा, जो भारत सरकार की ओर से दिया गया। इसके बाद उन्होंने यूनेस्को और ओलंपियाड की परीक्षाएं भी सफलतापूर्वक उत्तीर्ण कीं। नवनीत ने बताया कि वह मात्र 6 वर्ष की उम्र में ऑल इंडिया रेडियो की सबसे कम उम्र की रेडियो जॉकी (RJ) बनी थीं।

ब्यूटी कॉन्टेस्ट में फर्स्ट रनरअप का ताज पहनते हुए ड्रग अफसर नवनीत कौर

ब्यूटी कॉन्टेस्ट में फर्स्ट रनरअप का ताज पहनते हुए ड्रग अफसर नवनीत कौर

परिवार ने गुजरात से अकेले पंजाब भेजा जब कॉलेज जाने का समय आया, तो परिवार ने उन्हें पंजाब भेजा, ताकि वह अपने मूल स्थान की संस्कृति को समझ सकें। यहीं से जीवन की पहली बड़ी परीक्षा शुरू हुई। उन्हें अकेले गुजरात से पंजाब भेजा गया, ताकि वह मजबूत और आत्मनिर्भर बन सकें। माता-पिता के शब्द आज भी उनके साथ हैं“अगर तुम अकेले पंजाब पहुंच गईं, तो जीवन में जरूर सफल होगी।

यहीं उन्होंने सीखा कि खुद पर विश्वास हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। कॉलेज के अंतिम वर्ष में उन्होंने पंजाब पब्लिक सिविल सर्विस परीक्षा उत्तीर्ण की और पंजाब सरकार के ड्रग्स विभाग में ड्रग्स कंट्रोल अफसर के रूप में सबसे कम उम्र की अधिकारियों में शामिल हुईं।

कॉन्टेस्ट के दौरान पोज देतीं ड्रग अफसर नवनीत कौर।

कॉन्टेस्ट के दौरान पोज देतीं ड्रग अफसर नवनीत कौर।

कई चैनलों में किया काम नौकरी के साथ-साथ उन्होंने अपने एक्टिंग के जुनून को भी जिंदा रखा। एक वर्ष के ब्रेक में वह मुंबई गईं और टेलीविजन इंडस्ट्री में किस्मत आजमाई। इस दौरान उन्होंने कलर्स टीवी और सोनी टीवी जैसे चैनलों के साथ काम किया। इसके बाद अपने बचपन और माता-पिता के सपने एक जिम्मेदार अधिकारी बनने को पूरा करने के लिए वह दोबारा सेवा में लौट आईं। उन्होंने अपने कर्तव्यों को पूरे समर्पण के साथ निभाया और पंजाब सरकार से चार बार उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित हुईं।

रीढ़ की हड्‌डी में चोट से बदला जीवन हालांकि जीवन में कई उतार-चढ़ाव भी आए। वर्ष 2024 में वह घर में सीढ़ियों से गिर गई थीं। यह चोट काफी गंभीर थी और उन्हें छह महीने तक बिस्तर पर रहना पड़ा। डॉक्टरों का कहना था कि वह अब चल नहीं पाएंगी। उस समय वह हिम्मत हारने लगी थीं कि अब जीवन कैसे चलेगा, लेकिन उन्होंने खुद को सकारात्मक रखा।

योग किया, जिम शुरू किया और धीरे-धीरे फिर से खड़ी हो गईं। जब प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का समय आया, तो उन्हें लगा कि कहीं नवनीत खुद को खो न दे। वह एक बेटी हैं, एक मां हैं और एक ड्रग कंट्रोल ऑफिसर हैं, इसलिए उन्होंने इस प्रतियोगिता में भाग लिया।

बेटे के साथ नवनीत कौर।

बेटे के साथ नवनीत कौर।

सिंगल मदर ही जीवन की स्ट्रेंथ नवनीत बताती हैं कि उनका जीवन काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। निजी जीवन में भी कई उतार-चढ़ाव आए। पति से तलाक हो गया। मगर, उन्होंने कभी हार नहीं मानी। वह एक सिंगल मदर हैं और मानती हैं कि यही उनकी सबसे बड़ी ताकत है। उनका कहना है कि जब जीवन में मुसीबतें आती हैं, तो इंसान और ज्यादा मजबूती से खड़ा होता है। उन्हें लगा कि अपने बच्चे के लिए ऐसा उदाहरण बनना है कि कल को वह गर्व से कह सके- “मुझे अपनी मां जैसा बनना है।” इसी सोच के साथ उन्होंने अपने बच्चे के लिए एक मिसाल कायम करने का फैसला किया।



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Pranjal Dahiya Loses Cool on Stage Over Misbehavior During Live Show in Gurugram | Video Viral | लाइव शो में बदतमीजी पर भड़कीं हरियाणवी मॉडल,VIDEO: प्रांजल दहिया बुजुर्ग से बोलीं- ताऊ थोड़ा कंट्रोल में रहो, तेरी बेटी की उम्र की हूं – Sonipat News


गुरुग्राम में लाइव शो के दौरान बदतमीजी पर भड़कीं प्रांजल दहिया का यह वीडियों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्री की स्टार डांसर-मॉडल प्रांजल दहिया लाइव शो के दौरान हुई बदतमीजी पर भड़क गईं। प्रांजल ने स्टेज पर माइक थामकर खरी-खरी सुनाई। एक बुजुर्ग को यहां तक कहा कि ताऊ आपकी भी बहू-बेटियां हैं, थोड़ा कंट्रोल में रहो।

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इस फटकार का वीडियो वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि गुरुग्राम में 25 दिसंबर को आयोजित एक लाइव शो के दौरान यह हुआ। प्रांजल की परफॉर्मेंस के दौरान स्टेज के नीचे मौजूद एक बुजुर्ग और कुछ युवकों ने अभद्र व्यवहार किया। बताया जा रहा है कि बुजुर्ग शराब के नशे में था। जब हालात बेकाबू हुए तो प्रांजल दहिया ने मंच से ही माइक लेकर उन्हें जमकर फटकार लगाई।

गुरुग्राम में लाइव शो के दौरान परफॉर्मेंस देतीं प्रांजल दहिया।

गुरुग्राम में लाइव शो के दौरान परफॉर्मेंस देतीं प्रांजल दहिया।

अब जानिए वीडियो में क्या कहती दिख रहीं प्रांजल…

  • ताऊ तेरी छोरी की उम्र की हूं: ला​​​इव शो के दौरान बदतमीजी से आहत प्रांजल दहिया ने खुले मंच से कहा-“आपकी भी बहू-बेटियां हैं। और ताऊ तू… तेरी छोरी की उम्र की हूं मैं। मुंह ना फेरै, जैकेट वाले, तुम्हें ही कह रही हूं मैं। थोड़ा कंट्रोल में रह।”
  • आप स्टेज से दूर रहिए: इसके बाद उन्होंने अन्य दर्शकों से अपील करते हुए कहा- “सर आप थोड़ा स्टेज से दूर रहिए। हमारी परफॉर्मेंस अभी बची है। खुलकर एन्जॉय करें, लेकिन हमारे साथ भी थोड़ा सहयोग बनाकर रखें।”
लाइव शो के दौरान डांस करतीं प्रांजल दहिया।

लाइव शो के दौरान डांस करतीं प्रांजल दहिया।

अब जानिए कौन हैं प्रांजल दहिया….

2001 में सोनीपत में जन्म प्रांजल दहिया का जन्म वर्ष 2001 में सोनीपत में हुआ। परिवार मूल रूप से हलालपुर गांव का रहने वाला है। पिता का 2015 में निधन हो गया था। प्रांजल की मां चाहती थीं कि वह खेल के क्षेत्र में नाम रोशन करे। इसी कारण प्रांजल ने 11वीं और 12वीं में एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में भाग लिया। उनकी दोस्त सोनल सौम्या वीडियो बनाती थीं, जिनके जरिए प्रांजल का रुझान एक्टिंग और डांसिंग की ओर बढ़ा और उन्होंने इस इंडस्ट्री में कदम रखा। प्रांजल दहिया ने डायनेस्टी इंटरनेशनल स्कूल, फरीदाबाद से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की।

कोरोना काल में मां का निधन आगे की पढ़ाई के साथ-साथ प्रांजल ने मॉडलिंग में करियर की शुरुआत की। इस बीच कोरोना काल में मां का भी निधन हो गया। प्रांजल के परिवार में उनका एक भाई है, जो उन्हें हर कदम पर सपोर्ट करता है। मां के निधन के बाद वे पंजाब शिफ्ट हो गईं। फिलहाल वे दुबई में भी समय बिताती हैं।

टिकटॉक से शुरू हुआ करियर प्रांजल दहिया ने अपने करियर की शुरुआत टिकटॉक से की थी। यहीं से उनकी पहचान बनी और वे सोशल मीडिया स्टार के रूप में उभरीं। इसके बाद उन्हें अक्की कल्याण के म्यूजिक वीडियो में काम करने का मौका मिला और उन्होंने प्रोफेशनल म्यूजिक इंडस्ट्री में कदम रखा।

साल 2018 में “द हरियाणवी मैशअप-6” से बड़ी पहचान मिली। इस गाने के बाद उन्होंने हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्री में पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके बाद वे लगातार हिट म्यूजिक वीडियोज का हिस्सा बनीं और इंडस्ट्री की टॉप फीमेल आर्टिस्ट्स में शुमार हो गईं।

2024 में पंजाबी फिल्म में दिखीं प्रांजल ने साल 2024 में पंजाबी फिल्म रोज रोजी ते गुलाब में काम किया। उनके साथ पंजाबी सिंगर गुरनाम भुल्लर और पंजाबी एक्ट्रेस माही शर्मा थे। उनके कई पंजाबी म्यूजिक वीडियो हिट हुए हैं। जिनमें 750 पाउंड, फ्लाई करके, कोका, हार्ट बीट, गोरा रंग, सोहनी बड़ी लगदी, काली काली गल शामिल हैं।

बिग बॉस का ऑफर ठुकराया एक चैनल से बातचीत में प्रांजल दहिया ने दावा किया था कि उनके पास कई बार बिग बॉस के ऑफर आए, लेकिन ठुकरा दिए। साल 2024 में भी उन्हें बिग बॉस का ऑफर मिला था, लेकिन उन्होंने उसमें शामिल होने से इनकार कर दिया।



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Laghu Udyog Bharti Women’s Unit | लघु उद्योग भारती महिला इकाई: महिला उद्यमियो ने लोकल उत्पादो को ब्रांड बनाया, खुद आत्मनिर्भर बनीं, जरूरतमंद महिलाओं को रोजगार दिया – Bayavar News



लघु उद्योग भारती महिला इकाई। 25 सितंबर 1994 को स्थापित इस इकाई का उद्देश्य था कि देश के आज यह संगठन देशभर में 52 हजार से अधिक सदस्यों के साथ हर जिले में सक्रिय है। ब्यावर इकाई में 340 सक्रिय सदस्य उद्योगों के विकास में योगदान दे रहे हैं। स्वयंसिद्धा

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कोविड के बाद 22 अगस्त 2022 को महिला इकाई का गठन किया गया। महिलाओं ने तेल, मसाले, क्रेशर प्लांट, हर्बल क्रीम जैसे उत्पाद तैयार किए। लाेकल उत्पादों काे ब्रांड बनाकर आत्मनिर्भर बनीं। आज ब्यावर में 86 और देशभर में 1600 से अधिक महिलाएं इस अभियान से जुड़ आत्मनिर्भर बनी हैं।

1. डॉ. रीना राठौड़ :वर्ष 2006 में डॉ. रीना राठौड़ ने पति के साथ मिलकर मेवाड़ा हाईटेक की स्थापना की जहां क्रेशर प्लांट का निर्माण होता है। वर्ष 2002 में 35 लाख रुपए के शुरुआती टर्नओवर से यह समूह 2015 तक 50 करोड़ और आज करीब 100 करोड़ रुपए के टर्नओवर तक पहुंच चुका है। समूह में करीब 500 कर्मचारी हैं। उन्होंने महिलाओं को स्किल डेवलपमेंट, स्वरोजगार व सेवा कार्यों को आगे बढ़ाया।

2. अर्पिता शर्मा : कोविड के बाद अर्पिता शर्मा ने शत-शोधित धृत (हर्बल क्रीम) बनाना सीखा। लघु उद्योग भारती से जुड़ी तो बादाम तेल को उत्पाद शृंखला में जोड़ते हुए अपने ब्रांड एयूएसएम (अर्पिता, उर्मिला, शशि, मनीषा) की शुरुआत की। इनका आज 40 करोड़ रुपए का टर्नओवर है जिनसे आज 110 कर्मचारी जुड़े हैं।

3. संध्या अग्रवाल : संध्या अग्रवाल ने जीबीआर मसालों में प्रोडक्शन, पैकिंग और गुणवत्ता नियंत्रण की जिम्मेदारी संभाली, अपने 12 वर्कर की टीम की बदौलत आज उनका सालाना 3 करोड़ का टर्नओवर है।

4. नीतू शाह : स्वयंसिद्धा प्रदर्शनी में महिला उद्यमियों की आत्मनिर्भरता से प्रेरित होकर नीतू शाह ने लघु उद्योग भारती की महिला इकाई से जुड़ने का निर्णय लिया। आज वे अपने व्यवसाय से शुद्ध एवं घरेलू मिठाइयां तैयार कर रही हैं। आज उनका टर्नओवर 1 करोड़ को पार कर चुका है।



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