Wildlife safety at risk | वन्यजीवों की सुरक्षा खतरे में: एयरपोर्ट के लिए ब्लास्टिंग को वन विभाग ने NOC नहीं दी, फिर भी कलेक्टर की स्वीकृति – Kota News
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कोटा-बूंदी ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का काम करवा रही फर्म के लिए बूंदी जिला प्रशासन ने नियम तोड़ते हुए वन्यजीवों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया। जिला प्रशासन ने रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व से 0 किलोमीटर पर स्थित बफर क्षेत्र में केसीसी बिल्डकॉन प्राइवेट लिम
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भास्कर की पड़ताल में सामने आया कि बूंदी वन विभाग ने ब्लास्टिंग के मामले में गंभीर तकनीकी सवाल (टाइगर रिजर्व की असुरक्षा और केंद्र की अनुमति का अभाव) बताकर 1-2 दिसंबर 2025 को आपत्ति की थी। स्थानीय अधिकारियों ने मुख्यालय से मार्गदर्शन मांगा था। जिला प्रशासन ने उन सवालों का जवाब मिलने का इंतजार किए बिना 9 दिन बाद ही 11 दिसंबर को ब्लास्टिंग के लिए अनुमति जारी कर दी। ब्लास्टिंग वन विभाग की जमीन पर तुलसी केथूदा, देवरिया, बालापुरा गांव में होनी है। एक्सपर्ट के अनुसार ब्लास्टिंग से जो ध्वनि, कंपन पैदा होती है, वह वन्यजीव व्यवहार को प्रभावित करती है।
वन विभाग- एयरपोर्ट टाइगर रिजर्व के समीप, वन मंत्रालय के पत्र में ब्लास्टिंग का जिक्र नहीं
- 19 नवंबर 2025 : ठेका कंपनी केसीसी बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड ने प्रशासन से नियंत्रित ब्लास्टिंग की अनुमति मांगी। इसमें मिट्टी, ग्रेडिंग, रनवे, एप्रन, टैक्सी-वे जैसे काम हैं।
- 1 दिसंबर 2025 : अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट रामकिशोर मीणा ने बूंदी के उप वन संरक्षक को पत्र लिखकर विस्फोटक अधिनियम 1884, विस्फोटक नियम 2008 एवं संशोधित विस्फोटक नियम 2019 के तहत आपत्ति मांगी।
- 1 दिसंबर 2025 : बूंदी उप वन संरक्षक डॉ. एएन गुप्ता ने उसी दिन संभागीय मुख्य वन संरक्षक को पत्र लिख दो बिंदुओं पर मार्गदर्शन मांगा। पहला- केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने जनवरी 2023 में एयरपोर्ट क्षेत्र 466.592 हैक्टेयर में से 406.678 हैक्टेयर में निर्माण कार्यों की सैद्धांतिक स्वीकृति दी थी। नवंबर 2024 को अंतिम स्वीकृति सशर्त जारी की। सैद्धांतिक एवं अंतिम सशर्त स्वीकृति दोनों में नियंत्रित ब्लास्टिंग का उल्लेख नहीं है।
- 2 दिसंबर 2025 : संभागीय मुख्य वन संरक्षक सोनल जाेरिहार काे उप वन संरक्षक के तर्क सही लगे। अनुमति देने से पहले उन्होंने भी अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक प्रोटेक्शन एवं नोडल अधिकारी (एफसीए) राजस्थान को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा।
- 11 दिसंबर 2025 : वन विभाग के अफसर असमंसज में थे। इसी बीच कलेक्टर अक्षय गोदारा ने कंपनी को ब्लास्टिंग की अनुमति दे दी।
“ब्लास्टिंग की स्वीकृति अभी नहीं दी है। अधिकारियों से भी मार्गदर्शन मांगा था, जिसका जवाब नहीं आया है।” -डॉ. एएन गुप्ता, उप वन संरक्षक, बूंदी
“वन विभाग की एनओसी अनिवार्य नहीं है। कंट्रोल ब्लास्टिंग की अनुमति दी है।”
-अक्षय गोदारा, कलेक्टर, बूंदी


