ग्रामीण कमलेश ड्रिलिंग के गड्ढे बताते हुए। सर्वे करती जीएसआई टीम। ( फाइल फोटो) हम घाटोल में 25 साल पुराने जीएसआई कैंप भी पहुंचे। यहां का मंजर बेहद अलग था। 1 हजार से भी ज्यादा पेटियां रखी हुई हैं। पेटियों में जमीन में ड्रिलिंग से निकाले गई पत्थरों की
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फोटो: संजयसिंह कुशवाह क्षेत्रफल: 2.59 वर्ग किलोमीटर भंडार: 1.20 टन सोना। यहां पर 1000 टन कॉपर भी है। कॉबाल्ट व निकल की जांच जारी है। प्रियंक भट्ट/राहुल शर्मा | बांसवाड़ा जिले का घाटोल क्षेत्र फिलहाल देशभर में चर्चा में है क्योंकि यहां भुकिया और जगपुरा में जीएसआई ने 222.534 टन सोना और हाल ही में कांकरियाघरा ब्लॉक में 1.20 टन सोने के भंडार होने की पुष्टि की है। सोने के गढ़ माने जाने वाले उस क्षेत्र में भास्कर टीम पहुंची, जहां सोना है। यहां हमारी टीम जीएसआई के उस कैंप में भी पहुंची जहां 25 साल से इस क्षेत्र में भू-गर्भ में दबे सोने और अन्य मिनरल्स की मौजूदगी की खोज हो रही है। भास्कर टीम सबसे पहले कांकरियाघरा ब्लॉक के सोना मगरी क्षेत्र में पहुंची, जहां हाल में 1.20 टन सोने की मौजूदगी की पुष्टि हुई है।
जंगल के बीच इस पहाड़ी की चढ़ाई करने पर दूर-दूर तक जंगल नजर आता है। काफी वीरान। यहां एक बुजुर्ग कमलेश भी हमारी टीम के साथ थे। कमलेश ने बताया कि सालों पहले निजी कंपनी ने इस जंगल में सर्वे किया था। सोने की खोज के लिए ड्रिलिंग की गई थी। खुद कमलेश ने वहां काम किया था। कमलेश हमें जंगल के भीतर उस जगह ले गया, जहां जगह-जगह ड्रिलिंग के गड्ढे हैं। बुजुर्ग ने बताया उन्हें नहीं पता था कि जिस पहाड़ी को बचपन से वह सोना मगरी के नाम से जानते हैं, वहां सच में सोने का भंडार मिलेगा। इसके बाद टीम जगपुरा और भूखिया पहुंची, जहां पर भी पुराने ड्रिलिंग के गड्ढे मिले। क्षेत्रफल: 9.4026 वर्ग किमी भंडार: 222.534 टन सोना, 13739 टन कोबाल्ट और 11146 टन निकल
