प्रदेश के 639 पीएमश्री स्कूलों में बच्चों को संगीत शिक्षा को लेकर सरकार साढ़े चार महीने बाद जागी है। बजट मंजूर होने पर वाद्य यंत्र खरीदे जा रहे हैं। संगीत शिक्षकों की नियुक्ति भी की गई है। वाद्य यंत्र खरीदने के लिए स्कूलों में 50-50 हजार रुपए का बजट
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राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने जून 2025 में पीएमश्री स्कूलों में संगीत शिक्षा के लिए आदेश जारी किए थे, लेकिन बजट नहीं मिलने से संगीत शिक्षा शुरू नहीं हो पाई। अब सरकार ने बजट जारी किया है। हर स्कूल में 45 हजार के 7 वाद्य यंत्र खरीदे जा रहे हैं, जबकि 5 हजार रुपए उनके रखरखाव पर खर्च किए जाएंगे। लोक कला को बढ़ावा देने के लिए लोक वाद्य यंत्र खरीदना भी जरूरी है। रखरखाव की जिम्मेदारी संस्था प्रधान को सौंपी गई है।
ये स्कूल ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ के रूप में स्थापित किए जाएंगे। इनमें कक्षा 6 से 12वीं तक के वही विद्यार्थी शामिल होंगे, जो संगीत में रुचि रखते हैं। स्कूल स्तर पर अनुबंध वाले संगीत शिक्षक लगाए गए हैं। वे भारतीय और पश्चिमी वाद्य यंत्र बजाना सिखाएंगे।
संगीत शिक्षा के लिए प्रदेश के जिलों में पीएमश्री स्कूल
अजमेर में 19, बालोतरा में 11, बांसवाड़ा में 18, बारां में 16, बाड़मेर में 18, ब्यावर में 12, भरतपुर में 15, भीलवाड़ा में 23, बीकानेर में 17, बूंदी में 12, चित्तौड़गढ़ में 17, चूरू में 16, दौसा में 17, डीग में 7, धौलपुर में 17, डीडवाना-कुचामन में 15, डूंगरपुर में 14, गंगानगर में 20, हनुमानगढ़ में 16, जयपुर में 30, जैसलमेर में 9, जालोर में 18, झुंझुनूं में 21, जोधपुर में 20, करौली में 14, खैरथल-तिजारा में 10, कोटा में 14, कोटपूतली-बहरोड़ में 9, नागौर में 15, पाली में 18, फलोदी में 10, प्रतापगढ़ में 14, राजसमंद में 16, सलूंबर में 8, सवाईमाधोपुर में 10, सीकर में 28, सिरोही में 10, टोंक में 16 और उदयपुर में 22 पीएमश्री स्कूल शामिल हैं। संगीत शिक्षा के 6 उद्देश्य तय किए गए हैं।
हर स्कूल में तीन वाद्य यंत्र अनिवार्य रहेंगे
पीएमश्री स्कूलों में ये वाद्य यंत्र खरीदे जाएंगे – हारमोनियम/सिंथेसाइज़र, तबला, गिटार/वायलिन में से तीन अनिवार्य रहेंगे। जबकि ढोलक, सितार, वीणा, बांसुरी, ढपली, पियानो, की-बोर्ड, ड्रम्स आदि में से 3 ऐच्छिक रहेंगे। अलगोजा, खड़ताल, रावणहत्था, भपंग, सारंगी, नगाड़ा, चंग, डफ, ढोल, मंजीरा जैसे लोक वाद्य यंत्रों में से एक शामिल किया जाएगा। इनमें से कोई फंक्शनल वाद्य यंत्र स्कूल में पहले से उपलब्ध है, तो उसके अलावा दूसरे खरीदे जाएंगे।
