सीकर,आज से 212 बंद हो जाएगी शराब की दुकानें, 50 करोड़ रूपए बकाया से बढ़ी परेशानी

सीकर,आज से 212 बंद हो जाएगी शराब की दुकानें, 50 करोड़ रूपए बकाया से बढ़ी परेशानी…

सीकर/प्रदीप कुमार, 50 करोड़ की बकाया वसूली की जद्दोजहद में जुटे आबकारी विभाग के लिए एक अप्रेल से शराब की दुकानों का संचालन बड़ी आफत बन जाएगा। जिले की 337 शराब की दुकानों में से 124 दुकानों के संचालन की ही राह आसान हुई है। ऐसे में साफ जाहिर है एक अप्रेल से शराब की 212 दुकानें बंद हो जाएगी। इन दुकानों में करीब दस करोड़ की शराब रखी है, जो तस्करी को बढ़ावा देगी। हालांकि इस तस्करी को रोकने के लिए विभाग के लिए बुधवार से एक माह के लिए अभियान शुरू कर दिया है, लेकिन संशाधनों की कमी के चलते सास फूली हुई है।

दुकानों  में रखी शराब ठिकाने लगा रहे ठेकेदार…

घाटे के चलते इस बार शराब कारोबारियों में कोई उत्साह नजर नहीं आया। सरकार के दुकान के लाइसेंस नवीनीकरण की छूट का भी विभाग को ज्यादा फायदा नहीं मिला। जिले की 337 में से 98 दुकानदारों ने ही अपने लाइसेंस का नवीनीकरण करवाया। इसके बाद विभाग ने ई-नीलामी से दुकान बेचने का प्रयास किया। विभाग की ओर से 22 से 30 मार्च तक के लिए ई-नीलामी की प्रकिया शुरू की गई, लेकिन इन अवधि में महज 24 दुकानों की ही नीलामी हो पाई। विभागीय सूत्रों के अनुसार 25 मार्च के बाद डिपो से जिले में देसी और अंग्रेजी शराब की 15 करोड़ से ज्यादा की शराब ठेकेदारों ने खरीदी है। इसमें से दस करोड़ से ज्यादा की शराब अभी तक दुकानों में रखी है। जिन शराब ठेकेदारों ने लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करवाया। वहां पर दुकान ई-नीलामी में भी नहीं बिकी है। वे ठेकेदार शराब को सुरक्षित स्थान पर ठिकाने लगा रहे हैं। इस शराब की बिक्री बाद में अवैध मानी जाएगी।

लाखों के बकाया, नहीं बिकी दुकान, अब कैसे रुकेगी तस्करी सीकर जिले का शराब कारोबार लाखों के बकाया, ई-नीलामी में दुकान नहीं बिकने में फंस गया है। जिले में एक अप्रेल से बंद होने वाली 212 दुकानों में से 199 दुकानों पर विभाग का 50 करोड़ से अधिक का बकाया है। ऐसे में इन दुकानदारों ने लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करवाया। यहां पर दूसरे ठेकेदारों ने भी ई-नीलामी में दुकान नहीं खरीदी। विभाग की ओर से प्रत्येक दुकान का शराब बिक्री का क्षेत्र निर्धारित है। संशाधनों की कमी के चलते विभाग बंद हुई दुकानों को चलाने में सक्षम नहीं है। ऐसे में बंद दुकानों के क्षेत्र में शराब की अवैध बिक्री रोकना बड़ी चुनौती बना हुआ है।

लाइसेंस रद्द करना भी घाटे का सौदा बकाया वसूली के लिए विभाग ने इस वर्ष 18 दुकानों के लाइसेंस रद्द किए थे, लेकिन वहां पर नई दुकान नहीं खोली जा सकी। ऐसे में रद्द दुकान की बिक्री का फायदा नजदीकी क्षेत्र में स्थित दूसरी शराब की दुकान को हो गया। लेकिन अब यह स्थिति जिले की 212 दुकानों के क्षेत्र में हो गई है। ठेकेदारों ने भी ई-नीलामी में दुकान नहीं लेने के लिए पूल बना लिए हैं। इसी का परीणाम रहा कि ठेकेदारों ने एक दूकान उठने के बाद उसके लगते क्षेत्र से लगती दूसरी दुकान की बोली नहीं लगाई।

‘टारगेट’ ने फुलाई सास, अब हर दिन लाखों का घाटा आबकारी विभाग की सास पिछले तीन वर्ष से टारगेट ने फुला रखी है। कोरोना संक्रमण के दौर में भी सरकार ने हर वर्ष शराब बेचने का टारगेट बढ़ाकर दिया, लेकिन पिछले तीन वर्ष में किसी भी वर्ष में टारगेट को पूरा नहीं कर पाया। वर्ष 2019 में सरकार ने सीकर जिले को 414 करोड़ का टारगेट दिया था। बाद में इसे कम कर 395.18 करोड़ कर दिया गया। लेकिन विभाग इस वर्ष 370.53 करोड़ की ही शराब सीकर जिले में बेच पाया। इसके बाद वर्ष 2020-21 में इस टारगेट को बढ़ाकर 475 करोड़ कर दिया गया। लेकिन विभाग सरकार को 327.54 करोड़ का ही लक्ष्य पूरा कर पाया। वर्ष 2021-22 का विभाग का लक्ष्य 490 करोड़ है, लेकिन इस वर्ष भी 75 फीसदी टारगेट ही पूरा हो पाया है। शेष बची 212 दुकानों की जल्द नीलामी नहीं होने पर विभाग को हर दिन लाखों का घाटा झेलना पड़ेगा।

इनका कहना है… सीकर जिले में 337 में से 124 दुकानें ही एक अप्रेल शुरू होगी। शेष बची दुकानों के लिए नियमानुसार जल्द ही फिर से नीलामी की जाएगी। शराब की अवैध बिक्री को रोकने के लिए विभाग की ओर से 30 मार्च से 30 अप्रेल तक विशेष अभियान शुरू किया है। शराब की दुकानों की जांच और अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई है। अवैध शराब मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

आदराम जिला आबकारी अधिकारी सीकर

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