शनि संयोग से मिलेगा अक्षय पुण्य,मौनी अमावस्या आज ,के दिन करे दान

मौनी अमावस्या 2023
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सीकर. आस्था का पर्व मौनी अमावस्या शनिवार को मनाया जाएगा। शनि अमावस्या के मेल की वजह से इस बार मौनी अमावस्या विशेष फलदायी मानी जा रही है। पंडित  मिश्रा ने बताया कि इस दिन तीर्थ स्थलों पर स्नान व दान के साथ पितरों के तर्पण का विशेष महत्व है। इस दिन किया गया दान- पुण्य अक्षय यानी कभी नहीं घटने वाला होगा।
गंगा स्नान का विशेष महत्व
मौनी अमावस्या पर तीर्थ स्थलों में स्नान को पुण्यदायी माना गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज संगम में स्नान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा हरिद्वार, उज्जैन और नासिक स्नान करने से भी पाप कटने से व्यक्ति मोक्ष का भागी होता है।
मौनी अमावस्या के दिन
शनि अमावस्या

पंडित दिनेश मिश्राबताते हैं कि इस साल मौनी अमावस्या और शनि अमावस्या साथ ही हैं. इस दिन स्नान के बाद आप शनि देव की पूजा कर लें. उनको काला तिल और सरसों का तेल अर्पित करें, शनि देव की कृपा से आपके दुख दूर हो जाएंगे. साढ़ेसाती और ढैय्या का दुष्प्रभाव भी कम होगा।
मौनी अमावस्या का
धार्मिक महत्व
मौनी अमावस्या के दिन स्नान के बाद पितरों को तर्पण, ङ्क्षपडदान, श्राद्ध कर्म आदि करके तृप्त किया जाता है। मौन व्रत रखकर इस दिन साधक अंतर की यात्रा भी करते हैं।
मौनी अमावस्या 2023: पंचांग अनुसार हर महीने के कृष्ण पक्ष का अंतिम दिन अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। इस दिन दान-पुण्य और पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। 21 जनवरी को मौनी अमावस्या मनाई जाएगी। जिसका हिंदू धर्म के लोगों के लिए खास महत्व होता है। मौनी का अर्थ मौन से है। इस दिन व्रत करने वाले लोग मौन धारण करते हैं। क्योंकि ये अमावस्या माघ महीने में पड़ती है इसलिए इसे माघी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। जानिए इस साल की मौनी अमावस्या क्यों है खास।
मौनी अमावस्या 21 जनवरी दिन शनिवार को मनाई जाएगी। इसकी शुरुआत सुबह 6 बजकर 19 मिनट पर होगी और समाप्ति 22 जनवरी को रात 2 बजकर 25 मिनट पर हो रही है।

मौनी अमावस्या 2023 अर्थ और महत्व (Mauni Amavasya 2023 Meaning And Significance)
आसान शब्दों में कहें तो मौनी का अर्थ मौन से है। इस दिन कई लोग मौन व्रत धाारण करते हैं। पूरे दिन मौन रहने के कारण ही इस अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार मौनी अमावस्या को भगवान से क्षमा प्रार्थना करने और तपस्या करने के शुभ माना गया है। ऐसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन गंगा नदी का जल अमृत के समान हो जाता है जिसमें स्नान करने से व्यक्ति को सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है।
30 साल बाद मौनी अमावस्या पर बना खास संयोग
हिंदू पंचांग अनुसार इस बार मौनी अमावस्या पर खप्पर योग बन रहा है। इस योग को धार्मिक कार्यों और कुंडली में शनि को मजबूत करने के लिए किए जाने वाले उपायों के लिए विशेष माना जाता है। चुंकि मौनी अमावस्या पर शनि अपनी ही राशि कुंभ में मौजूद रहेंगे इसलिए मौनी अमावस्या का महापर्व और भी अधिक खास होने वाला है। इस दिन मकर राशि में शनि के अलावा, शुक्र और सूर्य भी रहेंगे। ये स्थिति खप्पर योग का निर्माण कर रही है।
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