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एअर इंडिया ने अपने ओनर्स टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस से 1.14 बिलियन डॉलर यानी, करीब 10 हजार करोड़ रुपए का फाइनेंशियल सपोर्ट मांगा है। यह रिक्वेस्ट जून में अहमदाबाद में हुए क्रैश के बाद आई है, जिसमें 241 पैसेंजर्स समेत कुल 261 लोगों की मौत हो गई थी।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी सिस्टम्स और सर्विसेज को ओवरहॉल करने के लिए ये फंड्स चाहती है। यानी, पुरानी चीजों को पूरी तरह जांचना, सुधारना और अपग्रेड करना। टाटा संस का 74.9% स्टेक है। सिंगापुर एयरलाइंस बाकी का हिस्सा रखती है।
ओनर्स फैसला करेंगे कि यह इंटरेस्ट-फ्री लोन होगा या इक्विटी। फाइनेंशियल मदद टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइन्स की हिस्सेदारी के हिसाब से होगी। वहीं क्रैश के बाद कंपनी इंटरनल प्रैक्टिसेस सुधारने पर फोकस कर रही है। CEO ने इस हफ्ते वादा किया कि चीजें बेहतर होंगी।
घाटा खत्म करने के लक्ष्य से काफी दूर है एयरलाइन
एअर इंडिया मार्च के अंत तक अपना घाटा खत्म करने के लक्ष्य से काफी दूर है। फाइनेंशियल सपोर्ट की यह मांग एविएशन सेक्टर की मुश्किलों को दिखाती है, जहां कई एयरलाइंस फंडिंग की कमी के कारण बाहर हो गईं। सेक्टर लीडर इंडिगो, मुनाफे वाली इकलौती एयरलाइन है।
जून से ही खराब हो रही थी एयरलाइन की स्थिति
मई में पाकिस्तान के साथ संघर्ष के बाद एयरस्पेस पर पाबंदी लगा दी गई थी। इस कारण भारत से वेस्ट-बाउंड नॉन-स्टॉप फ्लाइट्स को ज्यादा लंबा रूट लेना पड़ा। इसका असर एअर इंडिया के मुनाफे पर भी पड़ा है। जून 12 को हुए क्रैश के बाद हालात और बिगड़ गए।
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के इस क्रैश के बाद सेफ्टी चिंताओं से भारत के एविएशन रेगुलेटर ने पूरे सिस्टम का ऑडिट किया। ऐसे में एयर इंडिया को अपनी करीब 15% इंटरनेशनल फ्लाइट्स को कम करना पड़ा। इसका भी असर एयरलाइन की कमाई पर हुआ।

एयरलाइन को रिवाइव करने की कोशिश कर रही टाटा
सरकारी कंपनी एअर इंडिया 27 जनवरी 2022 से प्राइवेट हो गई थी। टाटा संस ने एअर इंडिया का टेकओवर किया था। इसके बाद ये देश की दूसरी बड़ी एयरलाइन बन गई। 2022 के एक्विजिशन के बाद से टाटा अपनी एयरलाइन को रिवाइव करने की कोशिश हो रही है।
इसके तहत कंपनी ने एअर इंडिया का लोगो और लिवरी को बदल दिया है। अब एअर इंडिया के प्लेन नए मेकओवर के साथ उड़ान भरते हैं। एअर इंडिया अपने इस नए मेकओवर के साथ अमीरात और कतर एयरवेज जैसे कैरियर्स को टक्कर देना चाहता है।
 
         
         
         
         
         
        