पुष्कर मेले में गुरुवार सुबह 10 बजे ध्वजारोहण हाेगा। इस माैके पर 101 नगाड़ा वादक प्रस्तुति देते हुए विश्व रिकाॅर्ड बनाएंगे। ये कार्यक्रम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हाेगा। इसके बाद स्कूली छात्राओं द्वारा मांडना प्रतियोगिता और समूह नृत्य हाेगा। चक
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31 अक्टूबर को मेला मैदान में सुबह 10 बजे से लंगड़ी टांग,सतोलिया और गिल्ली डंडा के खेल स्थानीय बनाम विदेशियों के मध्य होंगे। उष्ट्र श्रृंगार प्रतियोगिता तथा उष्ट्र नृत्य प्रतियोगिता भी होगी। मेला मैदान मंच पर शाम 6.30 बजे पुष्कर की आवाज मे स्थानीय कलाकारों समेत अन्य प्रस्तुति हाेंगी। कलेक्टर लोकबंधु ने बताया कि यह मेला 5 नवंबर तक चलेगा।
वाइब्रेंट कलर्स ऑफ पुष्कर फोटोग्राफी प्रतियोगिता
पुष्कर मेले में वाइब्रेंट कलर्स ऑफ पुष्कर फोटोग्राफी प्रतियोगिता 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक हाेगी। आईएएस डॉ. नेहा राजपूत ने बताया कि जिला प्रशासन की इस प्रतियोगिता में 22 अक्टूबर से 3 नवंबर के बीच क्लिक चित्र ही शामिल हाेंगे। प्रतिभागी अपने कैमरा अथवा मोबाइल से लिए गए फोटो 3 नवंबर रात्रि 12 बजे तक ई-मेल पर भेज सकते है। साथ में आधार कार्ड की फोटो, मोबाइल नंबर अंकित करना अनिवार्य है।
इस बार मेले में घोड़ों की बिक्री पर देना होगा 5% जीएसटी
विश्व विख्यात पुष्कर पशु मेले में होने वाली घोड़ों की खरीद-फरोख्त पर इस बार 5 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) देना अनिवार्य होगा। इसके लिए पशुपालन विभाग को अश्व क्रेता-विक्रेता को एनओसी जारी करने से पहले राज्य कर विभाग को सूचित करना होगा। इस संबंध में वाणिज्यिक कर विभाग की ओर से पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक व मेला अधिकारी डॉ. सुनील घीया को पत्र जारी किया गया है।
राज्य कर विभाग के उपायुक्त की ओर से डॉ. घीया को जारी किए गए पत्र में स्पष्ट किया गया है कि वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 (जीएसटी एक्ट) के प्रावधानों के अनुसार जीवित घोड़ों की बिक्री पर 5 प्रतिशत जीएसटी देय है। ऐसे में पुष्कर मेले के दौरान घोड़ों की बिक्री होने पर एनओसी जारी करने से पूर्व विभागीय स्तर पर वाणिज्यिक कर विभाग को सूचित किया जाए। जिससे कि अश्व व्यापारियों से जीएसटी की वसूली की जा सके। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि मेले में शामिल सभी अश्व खरीदारों और विक्रेताओं को जीएसटी से संबंधित जानकारी समय पर उपलब्ध कराई जाए।
पुष्कर| पुष्कर में मंगलवार को दूसरे दिन भी मौसम का मिजाज बदला रहा। बारिश से मेला मैदान में लगे कई टेंट उखड़ गए। मगर दिन भर बादल छाए रहे, तेज शीत लहर चलती रही। बदले मौसम की वजह से पशुओं की आवक धीमी पड़ गई है तथा कारोबार भी प्रभावित हुआ है। वहीं खुले रेतीले मेला मैदान में लगे पशुओं व पशुपालकों के तंबू उखड़ गए तथा पशुपालक ठिठुरते रहे। इधर पुष्कर मेले में पशुओं की आवक अब बढ़ने की जगह घटने लग गई है। सोमवार को जहां करीब डेढ़ हजार नए पशुओं की आवक हुई। वहीं मंगलवार को यह संख्या घट कर 513 पर सिमट गई।
मेला अधिकारी डॉ. सुनील घीया ने बताया कि मंगलवार को 399 अश्व एवं 114 ऊंट आए। ऐसे में अब तक कुल 4849 पशुओं की आवक दर्ज की जा चुकी है। इनमें सर्वाधिक 3427 अश्व वंश शामिल है। ऊंट केवल 1420 ही आए है। भैंस और गो वंश फिलहाल एक-एक ही पहुंचे है।