Students from Classes 9th to 12th are relieved of their worries about the half-yearly exams; they will have to prepare for the prescribed syllabus only; questions will not be asked from incomplete syllabus. | माध्यमिक शिक्षा निदेशालय: 9वीं से 12वीं के बच्चों की अर्द्धवार्षिक परीक्षा की चिंता दूर, तय कोर्स की ही करनी होगी तैयारी, अधूरे कोर्स से नहीं पूछे जाएंगे प्रश्न – Udaipur News

Students from Classes 9th to 12th are relieved of their worries about the half-yearly exams; they will have to prepare for the prescribed syllabus only; questions will not be asked from incomplete syllabus. | माध्यमिक शिक्षा निदेशालय: 9वीं से 12वीं के बच्चों की अर्द्धवार्षिक परीक्षा की चिंता दूर, तय कोर्स की ही करनी होगी तैयारी, अधूरे कोर्स से नहीं पूछे जाएंगे प्रश्न – Udaipur News



माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने 9वीं से 12वीं कक्षा के हजारों छात्रों और शिक्षकों की चिंता दूर कर दी है। आगामी 20 नवंबर से शुरू होने वाली अर्द्धवार्षिक परीक्षा में तय कोर्स को ही शामिल किया जाएगा। इसमें उतने ही कोर्स से प्रश्न पूछे जाएंगे जो औसतन स्कूलों

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यह कदम इन कक्षाओं में पढ़ने वाले जिले के 32 हजार 311 बच्चों के लिए राहतभरा है। अब बच्चों को एक तय प्रतिशत कोर्स की ही तैयारी करनी होगी। शिक्षकों को भी कोर्स पूरा करवाने का अनावश्यक तनाव नहीं लेना पड़ेगा। बता दें कि निदेशालय की ओर से अर्द्धवार्षिक परीक्षा का कार्यक्रम जारी किया जा चुका है। लेकिन, अमूूमन स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षाओं के बच्चों का अभी तक 35 से 40 फीसदी कोर्स ही पूरा हो सका है।

सख्ती : निजी स्कूलों को नहीं मिलेगा पेपर का जिम्मा, थानों में रखे जाएंगे

जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक लोकेश भारती ने बताया कि तय कोर्स को ही परीक्षा में शामिल करने की तैयारी चल रही है। फिलहाल आदेश जारी नहीं हुआ है। बता दें कि, शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए अर्धवार्षिक समान परीक्षा (समान परीक्षा) की रूपरेखा और दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। यह परीक्षा 20 नवंबर से शुरू होकर 1 दिसंबर तक चलेगी। परीक्षा का आयोजन राज्य स्तर पर एक समान समय-सारणी के अनुसार किया जाएगा।

प्रश्न पत्रों को पुलिस थानों या निर्धारित केंद्रों पर सुरक्षित रखा जाएगा। उनकी निगरानी के लिए संबंधित अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।प्राइवेट स्कूलों के पेपर उन स्कूलों में नहीं रखकर संबंधित यूसीईईओ यानी शहरी क्लस्टर प्राथमिक शिक्षा अधिकारी व पीईईओ यानी पंचायत एलिमेंट्री एजुकेशन ऑफिसर के पास रखा जाएगा। परीक्षा के दौरान पारदर्शिता के लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर निरीक्षण किया जाएगा। इसमें संयुक्त निदेशक, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी व डाइट प्राचार्य का उड़नदस्ता जांच करेगा।

10वीं का कोर्स पूरा हो जाना चाहिए, ताकि बचे समय में रिवीजन हो सके अर्द्धवार्षिक परीक्षा से पहले 10वीं का 100 प्रतिशत कोर्स पूरा हो जाना चाहिए। इससे जुड़े प्रश्न ही परीक्षा में आने चाहिए। इस परीक्षा को प्री-बोर्ड परीक्षा की तरह लिया जाना चाहिए। कोर्स पूरा होने से बच्चों की बेहतर तैयारी हो जाती है। इससे बाद में बोर्ड परीक्षा का दबाव कम हो जाता है। क्योंकि, पहले ही वो इस कोर्स को पढ़ चुके होते हैं। ऐसे में उन्हें बोर्ड में सिर्फ रिवीजन ही करना होगा। दूसरी ओर, 9वीं और 12वीं का 70 फीसदी कोर्स पूरा हो जाना चाहिए। ताकि बचा हुआ कोर्स जनवरी-फरवरी में पूरा हो सके।

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