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भास्कर पड़ताल में सामने आया है कि हादसे की वजह सिर्फ बस चालक की लापरवाही नहीं थी, बल्कि परिवहन विभाग की बड़ी चूक भी जिम्मेदार है। यह बस पीलीभीत से मनोहरपुर तक करीब 10 घंटे में 529 किलोमीटर का सफर तय किया। इस दौरान यूपी के 7 जिलों जिनमें पीलीभीत, बरेली, बदायूं, कासगंज, हाथरस, राया व मथुरा और राजस्थान के 2 भरतपुर और दौसा आरटीओ उड़न दस्ते रास्ते में तैनात थे, लेकिन किसी ने भी बस को चेक नहीं किया। बस की छत पर गैस से 5 सिलेंडर रखे हुए थे और डिक्की में एक बाइक रखी थी। अगर बीच रास्ते में किसी भी आरटीओ टीम ने जांच की होती तो यह भीषण हादसा टल सकता था। यह बस भरतपुर में मथुरा-भरतपुर और आगरा-जयपुर हाइवे से भी होकर गुजरी, जहां आरटीओ की टीम 24 घंटे ड्यूटी पर रहती है। इसके बावजूद किसी ने वाहन को नहीं रोका। दौसा में भी चेकिंग टीम होने के बावजूद बस बिना रोके निकल गई।
एक्सपायर टैक्स, परमिट और दर्जनों चालानो
बस की जांच में पाया गया कि इसका रोड टैक्स 30 सितंबर 2025 को ही समाप्त हो गया था। इसके अलावा ऑल इंडिया अस्थाई परमिट की वैधता 21 अप्रैल 2025 तक ही थी, जो अब एक्सपायर हो चुका था। पता चला है कि बस पर अब तक कुल 40 चालान दर्ज थे। इनमें से 36 चालानों का जुर्माना 2,61,950 रुपए बस मालिक भर चुका था, जबकि 4 चालान अभी भी पेंडिंग थे। इन चारों में कुल 57 हजार रुपए का जुर्माना बकाया है।
इनमें से एक 10 हजार रुपए का चालान राजस्थान में और तीन यूपी में काटे गए थे। इस स्लीपर बस में 65 यात्री सवार थे, उसमें पीछे का इमरजेंसी गेट ही नहीं था। यही वजह रही कि हाइटेंशन लाइन से टकराने के बाद जब बस आग का गोला बनी, तो अंदर फंसे यात्री बाहर नहीं निकल सके। हादसे में दो लोगों की मौत और 10 यात्री झुलस गए। साइड में लगा गेट बेल्डिंग से बंद किया गया था। पीछे का इमरजेंसी गेट नहीं था। इसलिए यात्री बाहर नहीं निकल सके। भरतपुर, दौसा और जयपुर के बीच चलने वाली अधिकांश स्लीपर बसों में भी ये खतरा मौजूद है।
डिस्कॉम अफसर बोले: कच्चे रास्ते में दौड़ाई बस, इसलिए हुआ हादसा
इस संबंध में डिस्कॉम अफसरों ने सफाई दी है कि जिस रास्ते से यह बस गुजर रही थी, वह खेतों और ईंट भट्टों तक जाने वाला कच्चा मार्ग था। ड्राइवर ने गलत तरीके से कच्चे रास्ते पर बस दौड़ाई। बस के ऊपर गैस सिलेंडर, मोटरसाइकिल और अन्य घरेलू सामान रखे गए थे। इन्हीं वस्तुओं के तारों के संपर्क में आने से आग भड़की। भास्कर पड़ताल में सामने आया कि बस मंगलवार सुबह 5 बजकर 25 मिनट पर भरतपुर-मथुरा हाइवे पर गुंडवा टोल प्लाजा से गुजरी। इसके बाद स्लीपर बस 5:43 बजे आगरा-जयपुर हाइवे से गुजरी। बस में साफ दिखाई दे रहा है कि छत पर ओवरलोड सामान था। सबसे हैरत की बात है कि इस टोल पर 24 घंटे तीन पारियों में आरटीओ दस्ते की तैनाती रहती है, इसके बावजूद किसी ने भी बस को नहीं रोका। वहीं गुडवा टोल प्लाजा से पहले हनुमान तिराहे पर भी पुलिस की टीम खड़ी रहती है, लेकिन किसी ने भी बस को नहीं रोका।
 
         
         
        