आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने ऑपरेशन लंगड़ा चलाया।
महामंदिर थाना पुलिस ने ऑपरेशन ‘लंगड़ा’ के तहत आए दिन महिलाओं के साथ हो रही सोने के आभूषणों की चोरी को लेकर ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए एक अन्तर्राज्यीय टैक्सी गैंग का पर्दाफाश किया है। गैंग के चार शातिर सदस्यों को वारदात में प्रयुक्त टैक्सी और चोरी क
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गैंग गुजरात भागने की फिराक में पकड़ी गई।
थाना अधिकारी देवेंद्र सिंह देवड़ा ने बताया कि यह गैंग गुजरात के खेडा और मेहसाणा जिलों की रहने वाली दो महिलाओं और दो पुरुषों का गिरोह है। जो बगैर नंबर प्लेट की टैक्सी से विभिन्न शहरों में घूमते हुए बुजुर्ग महिलाओं को निशाना बनाते थे। ये टैक्सी में महिला सवारियों को बैठाकर रास्ते में सोने के आभूषण चोरी कर फरार हो जाते थे।

गैंग की दो महिला आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने बताया कि आरोपीगणों ने 27 अक्टूबर को महामंदिर थानाक्षेत्र में वृद्धा आशादेवी और लक्ष्मी परिहार से चैन चोरी की वारदात को अंजाम दिया था। शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने महामंदिर चौराहा और भदवासिया इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, तकनीकी इनपुट जुटाए और मुखबिरों की मदद से गैंग की लोकेशन ट्रेस की। इस दौरान पुलिस ने शहर भर की टैक्सियों की तलाशी का सघन अभियान चलाया। इस पर आरोपी अपनी टैक्सी को पैड पार्किंग में छोड़ गए। यहां शाम के समय टैक्सी लेकर गुजरात भागने की फिराक में इन्हें पकड़ लिया गया।

पुलिस ने मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया।
टीम ने गुजरात के खेडा और मेहसाणा जिलों के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। जिनमें मन्सुरी जफर भाई (28) निवासी सिखवाडो, महमदाबाद, जिला खेडा, गुजरात, भीमाभाई रमेशभाई, उम्र 30 वर्ष, निवासी मेहमदाबाद, जिला खेडा, गुजरात, गोमती पत्नी दिलीप, 50 वर्ष व पारू पत्नी कालू, उम्र 30 वर्ष, निवासी वालावासना, मेहसाणा, जिला मेहसाणा, गुजरात को गिरफ्तार किया। आरोपियों के कब्जे से वारदात में प्रयुक्त टैक्सी और सोने की चैन बरामद की गई। सभी आरोपियों को रिमांड पर लेकर अन्य शहरों में हुई वारदातों को लेकर पूछताछ की जा रही है। ये आरोपी अगस्त माह में बाबा रामदेव मेले में आए थे। तब से यहां कई वारदाते भी कर चुके हैं।

गैंग के पुरुष अकेली बुजुर्ग महिलाओं को टैक्सी में कम किराए का लालच देकर बिठाते थे।
गैंग के सदस्य बिना नंबर की टैक्सी लेकर अलग-अलग राज्यों के बड़े शहरों में वारदात करने निकलते थे। टैक्सी चालक आगे बैठता और पीछे दो महिलाएं व एक पुरुष सवारी बनकर बैठ जाते थे। रास्ते में किसी महिला सवारी को फँसाने की फिराक में रहते, खासकर वे जिनके गले में सोने के आभूषण हों। सवारी को शेयरिंग टैक्सी में बीच में बैठाकर सफर शुरू करते और गड्ढों या झटकों का बहाना बनाकर टैक्सी हिलाते रहते। इसी अफरातफरी में महिलाएं सोने की चैन या गहने उतार लेतीं और फिर गैंग पीड़िता को रास्ते में छोड़कर फरार हो जाता था।
अब तक आरोपियों ने जोधपुर में 10 वारदातों को कबूल किया है, जिनमें कायलाना, सूरसागर, प्रतापनगर और खेतानाड़ी इलाके की घटनाएं शामिल हैं।