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अब दीपावली अवकाश के बाद 27 अक्टूबर को स्कूल खुले हैं, और मात्र 20-22 दिन बाद यानी 20 नवंबर से अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं शुरू होनी हैं। ऐसे में शिक्षकों और छात्रों के सामने समय की जंग शुरू हो गई है। कम दिनों में अधूरा कोर्स पूरा करना और परीक्षा की तैयारी करवाना।
शिक्षा विभाग ने इस बार नया शैक्षणिक सत्र अप्रैल से प्रारंभ करने की योजना बनाई थी। इसी कारण शिविरा पंचांग में बदलाव कर अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं पहली बार नवंबर के तीसरे सप्ताह में कराने का निर्णय हुआ। शिक्षकों के मुताबिक, सत्र शुरू होने के बाद लगातार रुकावटों की वजह से अब तक आधा भी सिलेबस पूरा नहीं हो सका है। जिले के कई स्कूलों में अध्यापकों की कमी पहले से ही बनी हुई है। ऐसे में अब एकमात्र रास्ता बचा है—एक्सट्रा क्लासेज।
20 दिन में परीक्षा की तैयारी सबसे बड़ी चुनौती
दीपावली के बाद छात्रों के पास तैयारी के लिए महज 20 से 22 दिन रह जाएंगे। इस बीच अर्द्धवार्षिक परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र निर्माण, पेपर वितरण, टाइम टेबल, और उत्तर पुस्तिकाओं के प्रबंधन जैसे कार्य भी समानांतर चलेंगे। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के लिए यह समय प्रबंधन और शिक्षण गुणवत्ता दोनों की परीक्षा साबित होने वाला है।
 
         
         
        