नागौर में कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद के लिए संभावित नामों को लेकर नागौर कांग्रेस में अंदरूनी बवाल मच गया है। हनुमान बागड़ा को कांग्रेस जिलाध्यक्ष बनाने की चर्चा पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध दर्ज करवाया है । इस मामले में एक पत्र भी सोशल मीडिया पर वायर
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वायरल पत्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने AICC द्वारा नियुक्त प्रयवेक्षक शाकिर सनादी की कार्यशेली और निष्पक्षता पर ही सवाल खड़े कर दिये हैं। संभावितों की लिस्ट में बड़े नामों के काटने और हनुमान बागड़ा का नाम होने का कांग्रेस कार्यकर्ता ही विरोध कर रहे हैं और कमेटी द्वारा सुझाये गए नामों में समर्पित कार्यकर्ताओं पूर्व विधायक हरेंद्र मिर्धा, पूर्व विधायक मंजू मेघवाल और पूर्व प्रधान राजेंद्र फिरोदा जैसे बड़े नाम शामिल नहीं करने का विरोध कर रहे हैं।
वायरल पत्र में आरोप लगाया गया है हनुमान बागड़ा ने जायल और नागौर विधानसभा चुनावों और नागौर लोकसभा चुनावों के वक्त निष्क्रियता दिखाई थी और भाजपा के प्रति समर्पित दिखाई दिये जो पार्टी विरोधी होने के बावजूद ऐसे व्यक्ति को पदौन्नत करना कांग्रेस संगठन को कमजोर करना होगा।
दरअसल यह मामला मंजू मेघवाल और हरेंद्र मिर्धा वर्सेज हनुमान बागड़ा के बीच वर्चस्व की लड़ाई का है विधानसभा चुनावों और बाद में लोकसभा चुनावों में हनुमान बागड़ा पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप लगे थे।
पार्टी पदाधिकारियों ने AICC प्रयेवेक्षक शाकिर सनादी की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए सनादी द्वारा सुझाये गए नामों पर विरोध करते हुए अपनी तरफ से 5 नाम सुझाये हैं
प्रयवेक्षक द्वारा सुझाये गए नाम
रघुवेंद्र मिर्धा
बिंदु चौधरी
रामचंद्र जारोड़ा
हनुमान बागड़ा
रुस्तम प्रिंस
राजेश सांगवा
वायरल पत्र में प्रस्तावित नाम
डॉ मंजू मेघवाल (पूर्व विधायक )
रामचंद्र जारोड़ा (पूर्व विधायक )
रघुवेंद्र मिर्धा (सचिव पीसीसी )
राजेंद्र फिरोदा (पूर्व प्रधान)
रुस्तम प्रिंस (पूर्व अध्यक्ष नगरपालिका मेड़ता )
इस बार कांग्रेस द्वारा प्रदेश में पार्टी को मजबूत करने के लिए 50 जिला अध्यक्षों के चयन के लिए सभी जिलों में प्रयवेक्षक नियुक्त किये गए थे और प्रत्येक जिले से काफ़ी नाम भी कमेटीयों को मिले थे लेकिन अंतिम रूप से प्रयेवेक्षक द्वारा सुझाये गए 6 प्रस्तावित नामों की लिस्ट सभी जिलों के लिए जारी की गई है. लेकिन नागौर में इस लिस्ट के जारी होते ही पार्टी में गुटबाजी जमकर सामने आ गई है। जिलाध्यक्ष चाहे कोई बने नागौर में बवाल होना तय है।
 
			 
			