राजस्थान: प्रदेश में नई आबकारी नीति जारी 5 से अधिक दुकान लेने पर पाबंदी
गहलोत सरकार ने अपनी नई आबकारी नीति जारी कर दी है।
नई आबकारी एवं मद्य निषेध नीति के तहत प्रदेश में खुदरा दुकानों की संख्या 7665 रहेगी।
अगले 2 वर्ष के लिए आबकारी बंदोबस्त की अवधि 1 अप्रेल 2022 से 31 मार्च 2023-24 तक के लिए मान्य रहेगी। सभी दुकानें कंपोजिट श्रेणी की रहेंगी। नई नीति के तहत देशी मदिरा, बीयर एवं वाइन की आपूर्ति एवं विक्रय हो सकेगा। शनिवार को राज्य के वित्त विभाग ने कैबिनेट से सरकुलेशन के जरिए अनुमोदन कराया। इसके बाद राजस्थान की नई आबकारी एवं मद्य निषेध नीति जारी कर दी गई है। गहलोत सरकार ने वर्ष 2022 के लिए जारी नई आबकारी नीति में शराब माफियाओं पर अंकुश लगाया है। एक व्यक्ति जिले में अधिकतम 2 और प्रदेश भर में 5 शराब की दुकानें ले सकता है।
5 प्रतिशत वार्षिक लाइसेंस की व्यवस्था
नई आबकारी नीति के तहत एक व्यक्ति को एक जिले में अधिकतम दो एवं संपूर्ण राज्य में अधिकतम 5 मदिरा की दुकानें आवंटित की जा सकेंगी। RSGSM और RSBCL मदिरा दुकानों की आॅनलाइन नीलामी में भाग ले सकेंगे। दुकानों को संचालित कर सकेंगे। आबकारी शुल्क एवं फीस की निर्धारित समस्त राशि जमा कराने वाली दुकानों के लाइसेंस अगले दो साल के लिए नवीनीकरण का अवसर होगा। इस वर्ष के आबकारी शुल्क की बकाया राशि 28 फरवरी, 2022 तक कराने का अवसर होगा। मदिरा दुकानों पर कंपोजिट फीस के स्थान पर वार्षिक गांरटी राशि की 5 प्रतिशत वार्षिक लाइसेंस की फीस की व्यवस्था। नवीनीकरण से शेष दुकानों का दुकानदार आॅनलाइन निलामी से अधिकतम बोली के आधार पर बंदोबस्त।
पर्यटन एवं रोजगार को बढ़ावा देने पर फोकस
गहलोत सरकार ने पर्यटन एवं रोजगार को बढ़ावा देने के लिए होटल एवं रेस्टोरेंट बार की लाइसेंस फीस का विवेकरण तथा फीस में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। होटल एवं रेस्टोरेंट बार की लाइसेंस फीस के लिए नगरीय निकाय के क्षेत्र को शहरी क्षेत्र मानने का प्रावधान किया गया है। पर्यटन व रोजगार को बढ़ावा देने के लिए बार अनुज्ञाधारियों को माइक्रो ब्रुवरी की स्थापना व संचालन की अनुमति होगी। लाइसेंस की व्यवस्था का विकेंद्रीकरण होगा। जैसलमेर आदि पर्यटक स्थलों को ध्यान में रखते हुए SWISS टेंट आदि के लिए सीजनल/ अस्थायी बार लाइसेंस की व्यवस्था रहेगी।
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