पहले मानसून कमजाेर पड़ा, अब कटाई के समय बारिश से दाे लाख हेक्टेयर में फसल खराब

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सीकर में शुक्रवार को हुई बारिश ने खरीफ की फसलों को तबाह कर दिया है। सबसे ज्यादा नुकसान बाजरा को हुआ है

सीकर , 3 महीने तक लगातार सक्रिय रही  बारिश अब फसल कटाई के समय चक्रवाती बारिश किसानों को डरा रही है। क्याेंकि, जिलेभर में एक सप्ताह से फसल कटाई का दाैर जारी है। दाे लाख हैक्टेयर के करीब रकबा में किसान अगेती बुआई का बाजरा, मूंग, माेठ व चंवला की फसल की कटाई कर चुके हैं। दाे दिन से चक्रवाती हवा के साथ जिलेभर में रिमझिम का दाैर जारी है।

ऐसी स्थिति में खेताें में कटी हुई फसलाें की गुणवत्ता खराब हाेने लगी है। किसानाें के अनुसार मूंग, माेठ, चंवला, बाजरा की फसल बारिश में भीगने से दाना बदरंग हाेने लगा है। खेताें में पसरी हुई फसलाें का चारा खराब हाेने की नाैबत बनने लगी है। बाजरा व दलहन फसलाें के दाने का रंग काला पड़ने से गुणवत्ता खराब हो जाएगी। फसलाें में पकाव शुरू हाेने से पहले ही मानसून कमजाेर पड़ने से फसलाें में ठीक से पकाव नहीं आ सका। जिससे 20 से 25 प्रतिशत तक पैदावार भी प्रभावित हाेने की संभावना है।

खरीफ और बाजरा नष्ट
सीकर में शुक्रवार को हुई बारिश ने खरीफ की फसलों को तबाह कर दिया है। सबसे ज्यादा नुकसान बाजरा को हुआ है। खेतों में खड़ी फसल सड़ गई है। वहीं, काट कर रखे बाजरे सिट्टे पानी में पड़े-पड़े फिर से उपजने लगे हैं। खरीफ से आस लगाए बैठे किसानों को खासा नुकसान हुआ है।

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