30 साल से इंतजार कर रहे सरकारी कर्मचारी, एक साल बाद भी तबादला नीति नहीं ला पाई भजनलाल सरकार | rajasthan Government employees waiting for 30 years for transfer policy Bhajanlal government not bring after one year

30 साल से इंतजार कर रहे सरकारी कर्मचारी, एक साल बाद भी तबादला नीति नहीं ला पाई भजनलाल सरकार | rajasthan Government employees waiting for 30 years for transfer policy Bhajanlal government not bring after one year


नीति नहीं होने से शिक्षा, चिकित्सा, विद्युत, जलदाय व पंचायतीराज सहित अन्य विभागों के कर्मचारी तबादलों का इंतजार कर रहे हैं। स्पष्ट नीति के अभाव में कभी भी तबादलों का दौर शुरू हो जाता है और कभी भी लॉक हो जाता है। जबकि पंजाब, हरियाणा, केरल, दिल्ली सहित कई राज्यों में शिक्षा सहित अन्य विभागों के कर्मचारियों के तबादलों के लिए नीति बनी हुई है।

विशेषज्ञों के अनुसार राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण सहित अन्य न्यायालयों में हर साल औसतन 13 हजार मामले अधिकारी और कर्मचारियों के तबादले के पहुंचे रहे हैं। -गहलोत सरकार में तबादला नीति का आदेश 3 जनवरी 2020 जारी हुआ।

-सेवानिवृत्त आइएएस ओंकार सिंह की अध्यक्षता में कमेटी बनी। -कमेटी ने अगस्त 2020 रिपोर्ट दी। -दिल्ली, पंजाब, आन्ध्रप्रदेश सहित अन्य राज्य की नीति का अध्ययन किया। -जून 2024 में भाजपा सरकार ने नीति लाने की घोषणा की।

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एक साल में दावे

-केन्द्र सरकार की तर्ज पर तबादला नीति बनाई जाएगी।
-तबादलों को लेकर एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया जिसमें किसी तय महीने में आवेदन हो सकेगा।
-प्रोबेशनकाल में तबादला नहीं हो सकेगा।
-राजकीय सेवा के दौरान ग्रामीण क्षेत्र में सेवा का अनुभव भी जरूरी।

सरकार को तबादला नीति जारी करनी चाहिए। तबादला नीति नहीं होने से अधिकारी व कर्मचारियों को मजबूरी में जनप्रतिनिधियों के चक्कर लगाने पड़ते हैं।- महेन्द्र पांडे, मुख्य महामंत्री, राज. प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ

डिजायर को तवज्जो

हर सरकार आवश्यकता के हिसाब से कर्मचारियों के तबादले व पदस्थापन का दावा करती है। हकीकत यह है कि अभी भी प्रदेश में सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों के तबादलों में विधायकों की डिजायर को पूरी तवज्जो मिलती है। इसे लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों पर गंभीर आरोप लग चुके हैं।

इस नीति पर कब-क्या हुआ

1994: पूर्व शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में 1994 में कमेटी बनी।
2015-18: तत्कालीन मंत्री गुलाबचंद कटारिया की अध्यक्षता में कमेटी बनाई।
1997-98 : नीति लाने को कवायद हुई, लेकिन हुआ कुछ नहीं।
2005: शिक्षकों के तबादलों में राहत देने के लिए दिशा-निर्देश जारी हुए।
2020: जनवरी महीने में कमेटी बनी। कमेटी ने अगस्त में रिपोर्ट दी।
2024: सरकार ने केन्द्र की तर्ज पर नीति बनाने का दावा किया, रिपोर्ट तक नहीं।

अन्य राज्यों में क्या?

हरियाणा में 2017 से ऑनलाइन तबादलों का सिस्टम है। यूपी में तबादलों के लिए पांच जिलों के विकल्प मांगे जाते हैं। इसके बाद अधिकारी-कर्मचारियों का तबादला होता है। दिल्ली सरकार ज्यादातर विभागों में सिर्फ अगस्त में तबादले करती है।




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