जिला सीकर,Sikar Ka Itihas ,सीकर का इतिहास हिंदी में ,History Of Sikar

जिला सीकर,Sikar Ka Itihas ,सीकर का इतिहास हिंदी में ,History Of Sikar
सीकर, भारत में राजस्थान राज्य के शेखावाटी क्षेत्र में स्थित एक ऐतिहासिक शहर है। यह अपनी कला, संस्कृति और पधारो म्हारे देश के व्यवहार के लिए मशहूर है। यह सीकर जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। सीकर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 52 पर स्थित है। यह जयपुर से 116 किमी, जोधपुर से 320 किमी, बीकानेर से 220 किमी और दिल्ली से 280 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
शेखावाटी क्षेत्र पर कभी वीर शासक राव शेखाजी(1433 -88) ने राज किया  है। इन्ही के नाम पर आज सीकर, चूरू और झुंझुनू जिलों के क्षेत्र को शेखावाटी के नाम से जाना जाता है। रियासती युग में सीकर ठिकाना  जयपुर रियासत  का हिस्सा था।सीकर क्षेत्र जहां आज गढ़ बना हुआ है वहां प्राचीन समय में  एक गांव था जिसे वीरभान नामक व्यक्ति ने बसाया था
सन 1687 ईस्वी में सीकर की स्थापना की गयी थी। सीकर की स्थापना राव  दौलत सिंह जी ने  1687 ईस्वी में वीरभान का बास नामक स्थान पर की।  इसके  ‘संस्थापक राव राजा दौलत सिंह  ‘   थे।  (राजस्थान कॉम्पिटिशन की कुछ गाइड में वास्तविक  संस्थापक राजा शिवसिंह जी को माना गया है ये झुंझुनू के राजा शार्दुल सिंह के समकालीन थे  )। इससे पहले इसे नेहरावाटी के नाम से भी जाना जाता था। सीकर ठिकाना सीकर की राजधानी होता था। इस  शहर में सात दरवाजे हुआ करते थे जिनके नाम थे सूरजपोल,चांदपोल ,बावड़ी गेट ,नानी गेट ,फतेहपुरी गेट ,दूजोड़  गेट ओल्ड और दूजोद गेट नई। कहा जाता है की दौलत सिंह नाम के व्यक्ति  के पिता जसवंत सिंह की हत्या खंडेला के राजा ने करवा दी थी। इससे उनमे शत्रुता  हो गयी थी। इसी शत्रुता को खत्म करने के क्रम में खंडेला के राजा बहादुर सिंह शेखावत  ने दौलत सिंह को एक गांव उपहार में दिया था जिसका नाम था वीरभान का बास। आगे चलकर उनके पुत्र शिवसिंह ने उसी जगह एक भव्य किले का निर्माण करवाया और उस गांव का विकास किया।  सीकर ठिकाना  जयपुर रियासत का सबसे बड़ा ठिकाना था। आजादी के बाद 1 नवम्बर  1956 को इसे राजस्थान का जिला बना दिया गया।   यही स्थान कालक्रम से गुजरते हुए अब वर्तमान  में सीकर जिले के नाम से जाना जाता है।वर्तमान में सीकर जिला 9 तहसील वाला जिला मुख्यालय है।
जिला सीकर,Sikar Ka Itihas ,सीकर का इतिहास हिंदी में ,History Of Sikar
सीकर शहर, जिला मुख्यालय है, जिसमें 10 उपखंड हैं – सीकर, फतेहपुर, रामगढ़ शेखावाटी, लक्ष्मणगढ़, नेछवा, दांतारामगढ़, श्रीमाधोपुर, नीम का थाना, खंडेला और धोद। यह जयपुर राज्य (जागीर) का सबसे बड़ा ठिकाना था जो की पहले नेहरावती के रूप में जाना जाता था। सीकर, ठिकाना सीकर का राजधानी शहर था। यह चारों ओर से ऊंची दीवारों से घिरा हुआ है। जिनमें सात दरवाजे बने हुए है। ये सात दरवाजे बावरी गेट, फतेहपुरी गेट, नानी गेट, सूरजपोल गेट, दुजोद गेट पुराना, दुजोद गेट नया और चांदपोल गेट हैं। सीकर का प्राचीन नाम “वीर भान का बास” था ।
जिला सीकर,Sikar Ka Itihas ,सीकर का इतिहास हिंदी में ,History Of Sikar
सीकर पर्यटन के लिए एक बहुत ही मनोहर और आकर्षक स्थान है। प्राचीन हवेलियों, मंदिरों और किलों पर की गई भित्ति-चित्रकारी (फ्रेस्को पेंटिंग) विदेशों से पर्यटकों को लुभाती है। सीकर शाही शेखावत राजाओं का राज्य था। आज भी कई शाही शेखावत परिवार सीकर में रहते हैं। भारत के पूर्व राष्ट्र्पति श्रीमती प्रतिभा पाटिल एवं पूर्व उपराष्ट्रपति श्री भैरों सिंह शेखावत का भी सीकर से सम्बन्ध रहा है।
राव राजा कल्याण सिंह
राव राजा कल्याण सिंह

1 . राव दौलत सिंह -सीकर ठिकाने की स्थापना

2. राव शिव सिंह -किले का निर्माण और सीकर के क्षेत्रो का विकास , 1731 को  फतेहपुर को जीता

3. राव समर्थ सिंह

4. राव नाहर सिंह

5. राव चाँद सिंह

6. राव देवी सिंह – रघुनाथगढ़ और देवगढ़ के  किलों का निर्माण करवाया। सीकर इतिहास में इनका काल स्वर्णकाल के रूप में जाना जाता है।

जिला सीकर,Sikar Ka Itihas ,सीकर का इतिहास हिंदी में ,History Of Sikar

7. राव राजा लक्ष्मण सिंह –  लक्ष्मणगढ़ के किले का निर्माण करवाया।

8. राव राजा प्रताप सिंह

9. राव राजा भैरो सिंह

10. राव राजा सर माधोसिंह बहादुर (1866 से 1922 तक )- इन्होने विक्टोरिया जुबली हॉल , माधव तालाब और माधव निवास कोठी का निर्माण करवाया।

11. राव राजा कल्याण सिंह (1922 से 1967 तक )- सीकर में घंटाघर का निर्माण ,SK हॉस्पिटल और SK COLLAGE  निर्माण करवाया। ये सीकर के अंतिम शासक थे। Subscribe to Sikar24 by Email

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