पहले हमास, फिर हिज्ब और अब ईरान…जानिए एक साल में इजराइल के सामने कौन कब आया?
नई दिल्ली:
पिछले साल सात अक्टूबर को हमास ने इज़रायल में आतंकवादी हमले किए थे। इसके बाद गाजा में संघर्ष की शुरुआत हुई, जो अब कट्टर प्रतिद्वंद्वी इज़रायल और ईरान के बीच युद्ध में बदल गया है। मंगलवार शाम को ईरान ने इजरायल पर मिसाइलों की बारिश कर दी।
जानिए इस पूरी घटना की टाइमलाइन:
हमास पर हमला –
7 अक्टूबर 2023 को फिलिस्तीनी इस्लामवादी समूह हमास के हमले ने इज़रायल पर हमले किये। इसके एक दिन बाद, स्वतंत्र ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने कहा कि वह ईरान फिलिस्तीनियों की रक्षा का समर्थन करते हैं। उन्होंने क्षेत्र में देश की सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाया।
मध्य तेहरान में फ़िलिस्तीनियों की प्रतिद्वंद्विता एकजुटता वाले बैनर लहराए गए।
28 अक्टूबर को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस बात की पुष्टि की कि हमास का 90 प्रतिशत सैन्य बजट ईरान से आता है। उन्होंने कहा कि वह पैसा देता है, व्यवस्था करता है, हमास को निर्देश भी देता है।
सीरिया में हमला –
25 दिसंबर को, ईरान ने सीरिया में एक हमले के लिए इज़रायल को दोषी ठहराया, जिसमें ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर की विदेशी ऑपरेशन शाखा, कुद्स फोर्स के शीर्ष कमांडर रज़ी मौसावी की हत्या कर दी गई।
कुछ क्रूज़ के बाद जनवरी 2024 में, दमिश्क में इज़रायल में एक हमले में रिवोल्यूशनरी गार्ड के पांच सदस्य मारे गए। ईरानी मीडिया ने बाद में रिपोर्ट दी कि सीरिया में विद्रोहियों के लिए गुप्तचर समूहों के प्रमुख और उनके प्रतिनिधि शामिल थे। रियासी ने जवाबी कार्रवाई की खतरनाक दी।
ईरानी दूतावास पर हमला –
1 अप्रैल को दमिश्क में ईरान के दूतावास के खिलाफ इजराइल पर हुए एक हवाई हमले में दूतावास के कांसुलर अनुबंध को समाप्त कर दिया गया। इसमें सात रिवोल्यूशनरी गार्ड मारे गए, जिनमें दो जनरल भी शामिल थे।
ईरान और सीरिया इज़रायल पर आरोप लगाए गए हैं, जो न तो इसकी पुष्टि करता है और न ही इससे इनकार करता है। तब इजरायली सेना का कहना था कि हमलों में इजरायली सेना के लोग गोलीबारी कर रहे थे।
ईरान का पलटवार –
लगभग दो सप्ताह बाद 13 अप्रैल को ईरान ने इज़रायल पर मिसाइलों और डूबों की खोज की। यह हमला 1979 में इस्लामिक रिपब्लिक की स्थापना के बाद इजराइली क्षेत्र से तेहरान पर सीधा हमला था।
इजराइल और अमेरिका समेत कई अन्य देशों में ज्यादातर मराठा समुदाय के लोग हैं। इजराइल ने जवाबी कार्रवाई का फैसला लिया.
19 अप्रैल को, मध्य ईरान में विस्फोटों की सूचना मिली, अमेरिकी मीडिया ने अधिकारियों के गोदाम से कहा कि इज़रायल ने अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी के बदले की कार्रवाई की है। हालांकि इस बार ईरान ने विस्फोटों के प्रभाव को लेकर कमर कस ली है और सीधे तौर पर इजराइल पर कोई आरोप नहीं लगाया है.
तेहरान में मारा गया हमास नेता-
31 जुलाई को हमास ने कहा था कि उसके नेता इस्माइल हमले में ईरान में रात भर हुए हमलों में मारे गए। ईरानी मीडिया के अनुसार, उनके घातक “एयरक्राफ्ट लॉन्च मिसाइल” के हमले हुए। वह नये राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियान के शपथ ग्रहण समारोह में भाग गये थे। ईरान और हिज्ब के साथ मिलकर हमास ने इजराइल पर आरोप लगाया था. उन्होंने प्रतिज्ञा ली थी कि इसका उत्तर दिया जायेगा।
इजराइल ने आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी की। इससे पहले हिज्बो के गढ़ दक्षिण बेरूत में हुए हमलों में लेबनानी हमलावर समूह के एक शीर्ष कमांडर फुआद शुकर की भी मौत हो गई थी।
3 अगस्त को, ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने बताया कि तेहरान में वे जहां रिकार्ड किए गए थे, उसके बाहर इजराइल ने “छोटी दूरी के प्रोजेक्टाइल” का इस्तेमाल करते हुए हनीह को मार डाला।
हिज्ब नेता की मौत –
हिजबुल के इजराइल के खिलाफ भीषण बमबारी जारी थी। इसी बीच 27 सितंबर को दक्षिणी बेरूत में इजरायली हमलों में हिज्ब नेता हसन नसरल्लाह और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के एक ईरानी जनरल की मौत हो गई।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने नसरल्लाह की मौत की अनमोल कहानी “व्यर्थ नहीं होगा” बताई है।
इजराइल पर ईरान का हमला-
1 अक्टूबर को ईरान ने इजराइल पर मिसाइलों की बौछार कर दी। इसके बारे में रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने कहा कि ये नसरल्ला और हनीह के नाम का बदलाव है। इस हमले से एक दिन पहले ही इजराइल ने दक्षिणी लेबनान में हिजबा के खिलाफ ग्राउंड ऑपरेशन शुरू करने की घोषणा की थी।
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