यूपी के बहराइच में घर के बाहर खेल रहा 8 वर्षीय बच्चा भेड़िये के हमले में घायल
बहराइच (उत्तर प्रदेश):
यहां महसी तहसील में अपने घर के बाहर खेलते समय एक आठ वर्षीय बालक भेड़िये के हमले में घायल हो गया। बालक के परिवार ने शुक्रवार को यह आरोप लगाया।
एक सरकारी डॉक्टर ने बताया कि लड़के को चोटें आई हैं, जिनमें से कुछ उसके चेहरे पर भी हैं, और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले दो महीनों में बहराइच जिले में भेड़ियों के हमलों में सात बच्चों सहित आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि लगभग तीन दर्जन लोग घायल हो गए।
नवीनतम हमला गुरुवार शाम को महसी तहसील के गोलवा गांव में हुआ – यह एक ग्रामीण क्षेत्र है जो शहर के थोड़ा नजदीक है, लेकिन पिछले सभी हमलों के क्षेत्रों से दूर है।
संगम लाल की मां फूलमती ने पीटीआई को बताया, “बच्चा घर के दरवाजे के पास खेल रहा था। तभी भेड़िये ने उसे पटक कर घायल कर दिया। भेड़िये ने जैसे ही उसे पटक कर गिराया, बच्चा चीखने लगा। चीख सुनकर हम सब चिल्लाते हुए भागे। शोर सुनकर भेड़िया बच्चे को छोड़कर भाग गया। हम सबने भेड़िये को भागते हुए देखा है।”
स्थानीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय खत्री ने बताया कि बच्चे पर भेड़िये ने पीछे से हमला किया था।
श्री खत्री ने बताया, “उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराकर उसका इलाज किया जा रहा है। बच्चे के गाल और गर्दन के बाएं हिस्से पर गंभीर चोटें आई हैं और उसे दो टांके लगाए गए हैं। बच्चे की हालत खतरे से बाहर है।”
मार्च से ही बहराइच के महसी तहसील क्षेत्र में भेड़िये बच्चों और इंसानों पर हमला कर रहे हैं।
बरसात के मौसम में 17 जुलाई से हमले बढ़ गए और अब तक इन हमलों में सात बच्चों सहित कुल आठ लोगों की मौत हो चुकी है।
महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित लगभग तीन दर्जन लोग घायल हुए हैं, जिनमें से लगभग 20 गंभीर रूप से घायल हैं।
पिछले दिनों चार भेड़िये पकड़े गए, लेकिन हमले जारी हैं। इसलिए विशेषज्ञों का मानना है कि असली आदमखोर अभी तक पकड़े नहीं गए हैं।
भेड़ियों को पकड़ने के लिए थर्मल ड्रोन और थर्मस सेंसर कैमरे लगाए गए हैं। आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने के लिए वन विभाग और प्रशासन पूरी तरह तैयार है।
भेड़ियों को पकड़ने और जागरूकता अभियान में विभिन्न विभागों के सैकड़ों अधिकारी और कर्मचारी जुटे हुए हैं। वन विभाग ने तीन अनुभागों में छह टीमें बनाई हैं और 165 अधिकारियों के साथ नौ शूटरों की टीम दिन-रात भेड़ियों की तलाश में जुटी है।
इन टीमों का नेतृत्व जिले के बाहर से बुलाए गए आईएफएस अधिकारी कर रहे हैं। भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई), देहरादून से विशेष रूप से बुलाए गए विशेषज्ञों की एक टीम भी इस अभियान में शामिल है।
(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को एनडीटीवी स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से प्रकाशित किया गया है।)