ईडी ने वित्तीय अनियमितताओं को लेकर आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और उनके सहयोगियों के घरों पर छापेमारी की
आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल वित्तीय अनियमितताओं के मामले में अलीपुर जज जिला एवं सत्र न्यायालय ले जाया गया। | फोटो साभार: एएनआई
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने शुक्रवार (6 सितंबर, 2024) को राज्य द्वारा संचालित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और उनके तीन सहयोगियों के आवासों पर संस्थान में कथित वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में एक साथ तलाशी अभियान चलाया।
घोष के बेलियाघाटा स्थित आवास और हावड़ा तथा सुभाषग्राम में दो स्थानों पर छापेमारी की गई। चारों आरोपी पहले से ही सीबीआई की हिरासत में हैं।
अधिकारी ने बताया, “हम सुबह करीब 6.15 बजे इन स्थानों पर पहुंचे और छापेमारी शुरू की।” पीटीआई.
ईडी ने संदीप घोष के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है, जो आपराधिक मामलों में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के समान है।
23 अगस्त को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सरकारी अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच राज्य द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से सीबीआई को स्थानांतरित करने का आदेश दिया।
यह निर्णय इस सुविधा केंद्र के पूर्व उप अधीक्षक डॉ. अख्तर अली की याचिका के बाद लिया गया, जिसमें उन्होंने घोष के प्रिंसिपल के रूप में कार्यकाल के दौरान वित्तीय कदाचार के कई आरोपों की प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच की मांग की थी।
घोष ने फरवरी 2021 से सितंबर 2023 तक प्रिंसिपल के रूप में कार्य किया। अक्टूबर 2023 में उन्हें आरजी कर से कुछ समय के लिए स्थानांतरित किया गया था, लेकिन एक महीने के भीतर उन्हें बहाल कर दिया गया था।
डॉ. अली ने चिंता जताई थी कि आरजी कर अस्पताल में भ्रष्टाचार डॉक्टर की मौत से जुड़ा हो सकता है, उन्होंने कहा कि पीड़ित को इस दुर्व्यवहार के बारे में पता था और उसने इसे उजागर करने की धमकी दी होगी।
प्रकाशित – 06 सितंबर, 2024 10:05 पूर्वाह्न IST