गमछा नहीं हरी टोपी : कार्यकर्ताओं को राजद का निर्देश, जदयू बोली- बिहारी अस्मिता के प्रतीक से कार्यकर्ता क्यों
पटना:
राष्ट्रीय जनता दल (राष्ट्रीय जनता दल) ने विधायकों के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इन दस्तावेजों में से एक निर्देश को लेकर जनता दल यूनाइटेड ने भी सारांश तैयार किया है। राजद की ओर से निर्देश दिया गया है कि पार्टी के कार्यकर्ता हरे गमछे के स्थान पर पार्टी की हरी टोपी और बाजे के कपड़े को प्राथमिकता दें। मित्र हैं कि बिहार में लंबे समय से पार्टी के कार्यकर्ता हरे गमछे का प्रयोग कर रहे हैं। क्रिस्टोफर की तरफ से निर्देश दिए गए हैं। युवा यादव की पहली चरण की यात्रा 10 सितंबर से 17 सितंबर तक होगी।
राजद नेता तेजस्वी यादव 10 सितंबर से बोर्ड, दरभंगा, दरभंगा और स्कार्पियो के दौरे पर जा रहे हैं। हालाँकि इस दौरान कोई भी सभा नहीं होगी। न ही कोई रोड शो का आयोजन होगा. पार्टी दस्तावेजों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वो विश्वास निर्देश और महत्वपूर्ण बैठकों की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा न करें।
चमगादड़ के नेताओं ने पेश किया बुनियादी ढांचा
फ़्रॉम के नेता नीरज कुमार ने इस मुद्दे पर ज़ोर देते हुए कहा कि लिबरेशन पार्टी जब अलग है तो ग़मछा से गठबंधन क्यों। बिहारी अस्मिता से राजद को क्यों नियुक्त किया गया है। राजदट ने गमछा को मुरैठा में बदल दिया था लाठी के साथ. राजद की दुकान को टोपी पहनाई जाएगी।
बीजेपी और बिज़नेस की तरफ से इसे लेकर एमबीएच पर लागू किया गया है। ग्राफिक्स विजय कुमार सिन्हा ने इसे लेकर अर्थशास्त्री दल पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया, ''राजद एक संस्कृति है, जो अराजकता, भय और समाज के अंदर उन्माद पैदा करती है।'' इन गमछे और मुरेठा को देखते ही लोग पहचान कर लेते हैं। वे रंगभेद, जाति भेद, क्षेत्रवाद भेद करते हैं। जनता की राय है कि जो अराजकता पैदा करता है, वह असुर है और असुर कभी भी मानवता को प्रभावित नहीं कर सकता।''
राजद ने पलटवार किया
गामा को लेकर भाजपा नेताओं की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए राजद के प्रदेश प्रवक्ता जावेद अहमद ने आरोप लगाया कि भाजपा की छवि में भाजपा की छवि खराब है और अपमानजनक बातें कही जा रही हैं, जबकि राजद हमेशा सामाजिक न्याय, राष्ट्रवाद की बात करता है और भारत की गंगा की बात करता है। -जमुनी तहजीब और संस्कृति को मजबूत बनाने की कोशिश में रहना है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ज्ञान रंजन ने कहा, ''समय के साथ बदलाव तो होता ही रहता है, अब आरएसएस को देखो 'हाफ पैंट से फुल पैंट' में आ गए। भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेता प्रदेश के अवशेष अवशेषों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए इस तरह के समर्थकों को तुल देते रहते हैं। प्रदेश में बढ़ रहे अपराध को लेकर वे शैल साधे हुए हैं।''
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