संभल जाने की जिद पर अड़े समाजवादी पार्टी के नेता, मास्टर ने दी धारा-163, अखिलेश यादव भड़के
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उत्तर प्रदेश के संभल में धर्मशाला जामा मस्जिद सर्वेसर्वा के दौरान सामुदायिक भवनों पर भयंकर हिंसा हो रही है। समाजवादी पार्टी की 15 विचारधारा वाले आज संभलना चाह रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी है। संभल में डॉक्टरों के आदेश पर धारा-163 लगाई गई है। कई सपाई नेताओं के घरों के बाहर पुलिस के युवाओं को नियुक्त किया गया है। इस पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर यूपी में प्रशासन के मुद्दे पर नाकाम रहने का आरोप लगाया है. अखिलेश ने एक सोशल मीडिया पोस्ट इंस्टाग्राम पर यूपी प्रशासन पर हमला बोला है।
पुलिस की ‘दीवार’ के सामने जासूस नेता
सपा नेता और यूपी क्षेत्र के नेता विरोधी माता प्रसाद पैंडे अपनी गाड़ी में संभल जाने के लिए बैठे थे, लेकिन उनकी गाड़ी पर रोक के लिए पुलिस ने दोनों तरफ पुलिस की व्यवस्था कर सड़क को बंद कर दिया। प्रशासन के अधिकारी माता प्रसाद पैजेंड को गुटों की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन नेता विरोधी अपने घर से यात्रा की कोशिश में लगे हुए हैं। माता प्रसाद पांडे ने एनडीटीवी से कहा कि निषेधाज्ञा संभाल में है, तो वे लखनऊ में क्यों जा रहे हैं? उन्होंने प्रशासन पर डरने का आरोप लगाया है. माता प्रसाद पांडे ने कहा था कि तीन दिन पहले मुगल ने उन्हें संभलने को कहा था, लेकिन अब तीन दिन बाद वे फिर से जीवित हो रहे हैं।
अखिलेश यादव का यूपी प्रशासन पर आरोप
अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘प्रतिबंधित लोकतांत्रिक भाजपा सरकार का शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन बेकार है। ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार ने पहले ही लगा दिया था, दंगा-फसाद का सपना देखा और उन्मादी नारा लगाया तो संभल में स्मारक-शांति का माहौल नहीं। बीजेपी जैसी पूरी की पूरी सरकार एक साथ बदल रही है, वैसे ही संभल में ऊपर से लेकर नीचे तक का पूरा यूनिवर्सल मंडल सस्पेंड करके उन पर साज़िश वाद का आरोप लगाया, सच्ची कारार करके बर्खास्त भी करना चाहिए और किसी की जान लेने का मुक़दमा भी चलना चाहिए.
भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन पर प्रतिबंध लगाना बेकार है। ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार ने उन पर पहले ही लगा दिया था, दंगा-फसाद के सपने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगाए तो संभल में स्मारक-शांति का माहौल नहीं दिखता।
बीजेपी जैसी पूरी की पूरी सरकार एक साथ… pic.twitter.com/7ouboVnQu4
-अखिलेश यादव (@yadavkhiles) 30 नवंबर 2024
कांग्रेस भी विवाद में कूदी
बता दें कि एसपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने शुक्रवार को बताया कि पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के निर्देश पर शनिवार को संभल जाएंगे और वहां हुई हिंसा की विस्तृत जानकारी रिपोर्ट पार्टी प्रमुखों को लेकर आएगी। वहीं कांग्रेस प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि दो दिसंबर को संभल मामले की जानकारी हासिल करने के लिए कांग्रेस वहां एकजुट होगी.
संभल में हुई हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई
संभल में अदालत के आदेश 19 नवंबर को जामा मस्जिद के पहली बार पूछे गए सर्वेक्षण के बाद से ही तनाव की स्थिति बनी हुई है। अदालत ने यह आदेश दिया कि जिस फाइल पर यह दावा किया गया है कि जिस स्थान पर जामा मस्जिद है, वहां पहले कभी हरिहर मंदिर था। पिछले 24 नवंबर को मस्जिद के सर्वेसर्वा के बीच हिंसा भड़क उठी थी. इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच में चार लोगों की मौत हो गई और 25 अन्य लोग घायल हो गए।
ये है सपे का आदर्श…
समाजवादी पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष पाल के पत्र को ‘एक्स’ पर साझा किया है, जिसमें कहा गया है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव के निर्देशों पर 30 नवंबर को संभल और हिंसा की घटनाओं की विस्तृत जानकारी लेकर रिपोर्ट उन्हें दी जाएगी। इस इलाक़े में विपक्ष के नेता प्रसाद पांडे, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव, सपा प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल, सांसद हरेंद्र पिरामिड, रुचि वीरा, इकरा हसन, जियाउर्रहमान बर्क और नीरज मौर्य शामिल हैं।
सपा नेता जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ एफआईआर दर्ज
संभल हिंसा मामले में जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ अवैध कार्य करने का आरोप दर्ज किया गया है। इनके अलावा समाजवादी पार्टी के महासचिव कमाल अख्तर, रविदास मेहरोत्रा, नवाब मोहम्मद महमूद और पिंकी सिंह यादव सहित सपा के कुल 15 लोग शामिल हैं। इसके पहले उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद जामा मस्जिद में हिंसा के दौरान हुई हिंसा के मामले में पुलिस की सलाह के मुताबिक एसपी ने अपने स्तर पर प्रस्तावित प्रस्ताव दिया था। संभल प्रशासन ने जिले में निषेधाज्ञा लागू कर 30 नवंबर तक वहां बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।
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