महाकुंभ में चायवाले बाबा, 40 साल से रह रहे हैं मौन, बस चाय पर हैं जिंदा, आईएएस एस्पिरेंट्स को देते हैं मुफ्त कोचिंग
महाकुंभ 2025 और चायवाले बाबा: असमंजस में महाकुंभ 2025 का आगामी 13 जनवरी से शुरू होने जा रहा है। प्रशासन ने यहां आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा का ध्यान रखा है। 12 वर्ष से भी अधिक समय से विश्व में आयोजित होने वाला उत्सव महाकुंभ का मेला लगता है। महाकुंभ 2025 में देश के चार शहर असमांगी, नासिक, हरिद्वार और नासिक शामिल हैं। देश दुनिया और महाकुंभ 2025 में मेले का शोर है और इसी के साथ महाकुंभ में एक बाबा भी भव्य रूप से शामिल हो रहे हैं। लोगों के बीच ये चायवाले बाबा के नाम से मशहूर हैं. ये बाबा महाकुंभ में देशभर में हैं. विश्वास रखें कि ये बाबा 40 साल से मौन और अमीर बनने का सपना वाले छात्रों को कोचिंग देते हैं।
40 साल से बिना मौन हैं बाबा
कहा जा रहा है कि सत्य के चायवाले बाबा 40 साल से मौन हैं और ठोस भोजन नहीं बल्कि दिन में 10 चाय पीकर जिंदा हैं। इसका असल नाम दिग्दर्शन स्वरूप ब्रह्मचारी है। यह आवेदन के माध्यम से अपना ज्ञान फैलाते हैं। यह रीसायकल की तैयारी कर रहे हैं बच्चों को विशेष पर अध्ययन सामग्री प्रोवाइड करवाते हैं। वहीं, बाबा के कई शिष्यों ने उपयोगी जानकारी दी है। कहा गया है कि बाबा का ज्ञान उनके अध्ययन में बहुत सहायक है। बता दें, चायवाले बाबा बच्चों को मुफ्त में अध्ययन सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के साक्षात्कार में चाय बेचने वाले और तपस्वी बने “चाय वाले बाबा” पिछले 40 वर्षों से बिना कुछ के-पिए और बिना कुछ बोले सिविल सेवा के शौकीनों को मुफ्त में कोचिंग दे रहे हैं। #चायवालेबाबा #महाकुंभप्रयागराज #मौनीबाबा #मुफ्तयूपीएससीकोचिंग #महाकुंभमेला pic.twitter.com/yMZhbJBmk5
– नारी (@NariKesari) 9 जनवरी 2025
चायवाले बाबा बने रहे आईएएस
वहीं, चायवाले बाबा के एक शिष्य राजेश सिंह, जोकी की तैयारी कर रहे हैं, ने बताया कि मैं बाबा जी के साथ पांच साल से यात्रा कर रहा हूं, हम उनके शिष्य हैं, समय-समय पर वह हमसे जुड़े कई अहम अध्ययन करते हैं। जानकारी देते रहते हैं, जो हमारे लिए बेहद मददगार साबित हो रही हैं।' उन्होंने बताया कि बाबा की भूमिका नहीं है, लेकिन उनका संदेश हम तक पहुंचता है, राजेश को भाषा के माध्यम से कहा जाता है, लेकिन यहां ऐसा नहीं है, उनका भाव-भाव हमें सब समझाते हैं। मान्यता है कि चाय वाले बाबा का उद्देश्य अपने अधिकांश अनुयायियों को प्रशिक्षित करना है और समाज को शिक्षित करना है।
महाकुंभ 2025 के बारे में
बता दें, महाकुंभ का मेला भारत में हर 12 साल में लगता है। यहां से दूर-दूर से लोग गंगा स्नान करने आते हैं। संगम की नदियों में गंगा, जमुना सरस्वती का मिलन होता है और यहां तीर्थयात्रा में शामिल होकर अपने पापों को धोने आते हैं। वहीं, महाकुंभ 2025 में इस बार डोम सिटी और बैटरियां भी बनाई गईं, जहां से महाकुंभ 2025 का 360 डिग्री व्यू देखने को मिला। डोम सिटी में रहने के लिए इंटरनेट को एक रात का 1 लाख 10 हजार रुपए तक खर्च करना पड़ेगा। वहीं डोम सिटी से नीचे बनी सीट एरिया में एक रात का किराया 81 हजार रुपए तक खर्च करना होगा। बता दें, महाकुंभ 2025 आगामी 26 फरवरी तक।
ये वीडियो भी देखें:
Discover more from “Hindi News: हिंदी न्यूज़, News In Hindi, Hindi Samachar, Latest news
Subscribe to get the latest posts sent to your email.