नीतीश कुमार की 'सत्ता' के 19 साल और 15 सफर, जानिए दोनों का बीच का रिश्ता

नीतीश कुमार की 'सत्ता' के 19 साल और 15 सफर, जानिए दोनों का बीच का रिश्ता

नीतीश कुमार की 'सत्ता' के 19 साल और 15 सफर, जानिए दोनों का बीच का रिश्ता

नीतीश कुमार प्रगति यात्रा: नीतीश कुमार इस समय प्रगति यात्रा पर निकले हैं.

नीतीश कुमार प्रगति यात्रा: 19 साल में 15 यात्राएं। किसी मुख्यमंत्री के लिए इस देश में शायद एक रिकॉर्ड ही होगा। 2005 से सत्य पर मान्यता प्राप्त बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब तक 14 वर्ष की आयु पर जा चुके हैं और अभी भी अपनी पांचवीं यात्रा पर निकले हैं यानी प्रगति यात्रा पर निकल रहे हैं। नीतीश कुमार की इन किताबों के पीछे की सोच क्या है? इसका कोई राजनीतिक लाभ भी क्या है?

क्या रहा मकसद?

राजनीतिक यात्रा और नीतीश कुमार दोनों में काफी अटूट संबंध हैं। 2005 से लेकर अब तक सत्य पर तीर्थस्थल बने नीतीश कुमार बिहार से अलग-अलग जिलों में 14 यात्राएं कर चुके हैं और 15वीं रिलीज है। कभी न्याय सिद्धांत को लेकर तो कभी विकास को लेकर। कभी जनता को धन्यवाद ज्ञापन के लिए तो कभी विश्वास जगाने के लिए और कभी यात्रा के नाम पर बताएं। मकसद है लोगों से सीधे संवाद करना। बिजनेस पर विकास की मंजूरी की हकीकत को स्लाइस और लोगों का फिक्र लेना और फिर इसे आगे उपयोग में लाना।

कब-कब निकली यात्रा पर

  • नीतीश कुमार ने पहली यात्रा जुलाई 2005 में न्याय यात्रा के नाम से शुरू की थी।
  • चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने जनवरी 2009 में विकास यात्रा निकाली।
  • लोकसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करने के बाद जून 2009 से धन्यवाद यात्रा शुरू हुई।
  • दिसंबर 2009 को यात्रा यात्रा निकाली गई, जिसमें उन जिलों में पर्यटक यात्रा की गई।
  • 2010 के विधानसभा चुनाव में पहले अप्रैल 2010 से विश्वास यात्रा निकाली गई।
  • विधानसभा चुनाव में प्रचंड की जीत के बाद 2011 के अंत में उन्होंने सेवा यात्रा निकाली।
  • सितंबर 2012 में बिहार से विशेष राज्य की मांग को लेकर नीतीश कुमार अधिकार यात्रा पर निकले।
  • 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले संकल्प यात्रा की शुरुआत।
  • नवंबर 2014 से संपर्क यात्रा की शुरुआत।
  • 2015 में सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार ने 7 फैसले लागू किये.
  • इसी का फिक्शन निकालने के लिए नवंबर 2016 से निश्चित यात्रा पर निकलें।
  • दिसंबर 2017 से समीक्षा यात्रा शुरू की, इसमें विकास कार्य की समीक्षा की।
  • दिसंबर 2019 को जल-जीवन-हरियाली यात्रा निकाली गई।
  • दिसंबर 2021 को नीतीश समाज सुधार यात्रा पर प्रस्थान।
  • इस चुनाव से पहले 28 जनवरी 2023 से समाधान यात्रा पर निकलें।
  • अब 2025 विधानसभा से पहले वो प्रगति यात्रा पर निकले हैं।

हालाँकि, समय-समय पर नामांकन इन आंकड़ों की आलोचना की जा रही है। विशेष रूप से खर्च अधिक होने के नाम पर, लेकिन इस बार खुद तेज स्विफ्ट यादव भी आपसे नहीं रुके और खुद भी निकल गए जन संपर्क यात्रा करने के लिए। यानी बिहार में सत्ता हो या नामांकन यात्रा से कोई भी खुद को रोक नहीं पा रहा है।


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