टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबिलिटी को स्वीकार करें, गौतम अदाणी ने जेम्स एंड इंडस्ट्री को दी ये महत्वपूर्ण सलाह
जेम्स फैक्ट्री एंड एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने शनिवार को इंडिया जेम एंड फैक्ट्री अवॉर्ड के 51 वें संस्करण का आयोजन जयपुर में किया। इस कार्यक्रम में अदाणी ग्रुप के सुपरस्टार गौतम अदाणी और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल हुए। गौतम अदाणी ने इस कार्यक्रम को पेश करते हुए कुछ दिलचस्प किस्से सुनाए और मध्यम से देश की अर्थव्यवस्था और अदाणी ग्रुप के सफर पर बात की।
यूनिट्स यूनिट एक पावर हाउस
इस कंपनी पर गौतम अदाणी ने कहा कि एमएजी इंडस्ट्री एक पावर हाउस है, जो करीब 50 लाख लोगों को रोजगार देता है। ये आईटी से बराबर है. जेम्स इंफ्रास्ट्रक्चर के एक्सपोर्ट में 14% की गिरावट पर चिंता करने की जरूरत है। इस पर काम करना होगा. लैब में बने डायमंड साइंटिफिक इनोवेशन से मार्केट डिसरप्टर बन गए हैं। अमेरिकी ने डायमंड डायमंड जैसा सिद्धांत दिया है। कीमत डायमंड से कम होती है। ये भविष्य का हीरा है, जिसे हमें स्वीकार करना होगा।
गौतम अदाणी ने फैक्ट्री इंस्टीट्यूट से अपने साथी की कहानी कही
गौतम अदाणी ने बताया कि किस फैक्ट्री में उनके प्रोटोटाइप बनने का पहला निरीक्षण हुआ था। तुलना से वे बिजनेस के गुर सीखे। उन्होंने इस इंडस्ट्री से अपने खास काम को भी रिकॉर्ड किया, साथ ही अपनी पहली कमाई का किस्सा भी तय किया। उन्होंने बताया कि मुंबई में महिंद्रा ब्रदर्स के साथ काम करते हुए उन्हें जापानी क्लानिट से पहले 10,000 रुपये का कमीशन मिला था। ये डॉयल उनके आंत्रप्रेन्योर बनने का पहला कदम था। तभी उन्होंने तय किया कि वो एक जीवन एक आंत्रप्रेन्योर की तरह छुट्टियां मनाएंगे।
यथास्थिति को तोड़ने के तीन मंत्र
उन्होंने अपने अनुभव से यह भी बताया कि कैसे जेम्स एंड इंस्टीट्यूट में आपका बेल डेज़ निकल सकता है। उन्होंने कहा कि मशीनरी के डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग में बड़ा बदलाव होने वाला है। यथास्थिति को तोड़ना होगा, तभी सफलता मिलेगी। अविश्वास को युवाओं के खाते से बनाना पर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि भविष्य उनका है जो आज की सीमा में कल के निहितार्थ हैं। ऐसे में जेम्स एंड मैन्युफैक्चरिंग के एक्सपोर्ट में 14% की गिरावट से सीखने की जरूरत है।
गौतम अदाणी नेसस्थिति को तोड़ने के तीन मंत्र नीचे दिये गये हैं। पहला मंत्र टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबिलिटी को स्वीकार करना। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के बिना इनोवेशन करना मुश्किल है। इसे स्वीकार करके ही आगे बढ़ाया जा सकता है। घर, स्मार्ट फोन अब नए स्टेटस सिंबल बन गए हैं, तो बच्चों के अकाउंट कैसे बनाए जा सकते हैं। दूसरा मंत्र एम्पावर और री-स्किल वर्कशॉप फोर्स। वर्कशॉप फोर्स इंडस्ट्री की सफलता का एक बड़ा स्टॉकहोल्डर है। कलाकारों को नई तकनीक के खाते से पुन: कौशल वाले दस्तावेज नहीं मिलेंगे। और आखिरी मंत्री बच्चों पर भरोसा करने का है। युवाओं का भविष्य है, ये नई आयडिया को लेकर आते हैं, पुराने ढर्रे को तोड़ते हैं। ये भविष्य के निर्माता हैं. उदाहरण के तौर पर साथ लेकर चलने वाले और रीढ़ की हड्डी सीखने की जरूरत है।
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