गौतम अदाणी ने साझा की अपनी प्रेरक कहानी, बताया- कैसे हुई 10 हजार रुपये की पहली कमाई

गौतम अदाणी ने साझा की अपनी प्रेरक कहानी, बताया- कैसे हुई 10 हजार रुपये की पहली कमाई



नई फ़िनिश:

अदाणी ग्रुप के गौतम अदाणी (गौतम अदाणी) ने जयपुर में इंडिया जेम एंड ज्वैलरी अवार्ड्स (इंडिया जेम एंड ज्वैलरी अवार्ड्स) का 51वां संस्करण पेश किया। इस दौरान अदानी ने अपने जीवन से जुड़ी एक रोमांचक कहानी भी साझा की। अब्दुल्ला ने कहा कि यह कहानी मेरे दिल में बहुत खास जगह है। इसी तरह ने किताब में लिखा है कि मुझे याद दिलाना है। अख्तर ने बताया कि मेरी एंटरप्रेन्योर बनने की यात्रा में स्टार्टअप का शुरुआती बिंदु था।

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सूदखोर ने कहा, “साल 1978 में 16 साल की उम्र में मैंने अपना स्कूल छोड़ दिया। अकेले में अपना घर छोड़ दिया और मुंबई के लिए वन-वे टिकट ले ली। मुझे नहीं पता था कि मैं क्या जाऊंगा, लेकिन यह बात स्पष्ट हो गई थी।” कि मैं एक आकर्षक शख्सियत चाहता हूं और मेरा मानना ​​है कि मुंबई के शहर में मुझे यह मौका मिलेगा।”

पहली कमाई में 10 हजार रुपये का कमीशन मिला

अदाणी ने बताया, “मुझे पहला मौका मिला था, जहां पर मैंने मैसाचुसेट्स की छंटाई का काम सीखा था। आज भी मुझे अपनी पहली डील की खुशी है। यह एक जापानी दोस्त के साथ गुट था और मुझे इसके लिए 10 हजार रुपये का कमीशन मिला था।” मिला था।”

सूद ने कहा कि उस दिन एक यात्रा की शुरुआत हुई थी, जिसने एक समर्थक के रूप में मेरे जीवन जीने के तरीके को आकार दिया।

अपने घोड़े पर भरोसा करना सीखना होगा : अदाणी

अपने अध्ययन के दौरान अदाणी ने कहा कि मैंने एक किशोर के रूप में जो पाठ पढ़ा वह व्यापार सुरक्षा जाल के साथ नहीं आया है। दरअसल यह एक निर्देश है, जहां आपको बिना सुरक्षा के जाल के उड़ान भरने का कौशल दिखाना होगा। व्यवसाय लगानी होगी और अपने विश्वास पर भरोसा करना सीखना होगा।

सूदखोर ने कहा कि इस क्षेत्र में जीत और हार के बीच झिझक ही अंतर है। हरडिसीजन एक परीक्षा है, यह केवल बाजार के खिलाफ नहीं है, बल्कि आपके मन की बात भी इसके खिलाफ है।

साथ ही अदाणी ने कहा कि ट्रेडिंग ने मुझे एक और मूल्यवान सबक सिखाया है कि मूल्यों की उच्च क्षमता वाली स्थिति को चुनौती देना आपकी क्षमताओं को सीमित कर देता है।

जवेल्ली हमारी भावनाएं और संस्कृति से जुड़ी: अदाणी

अडानी ने अपनी किताब के दौरान कहा कि ज्वैलरी हमारे काम से ही नहीं बल्कि हमारी भावनाएं और सांस्कृतिक से बनी है। इससे 50 लाख लोगों को रोजगार मिलता है, जो अलग-अलग देशों में रहता है, वह रोजगार के बराबर है।

साथ ही अख्तर ने कहा कि यह इंडस्ट्री इकोनोमी ड्राइवर नहीं है, बल्कि यह हमारे देश के लिए गौरव का स्रोत है।



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