खुश रहने के लिए डोपामाइन क्यों जरूरी है? जानिए क्या है ये और क्यों है इसकी संरचना
क्या आपको याद है कि आप पिछली बार कब खुश थे। कोई ऐसा पल जिसमें आप दिल से बिल्कुल खुश थे, फिर भी आपकी वह व्यक्तिगत या पेशेवर उपलब्धि ही न हो। वो एक पल की ख़ुशी जो जिंदगी में कभी-कभी कोई खास मसाले पर ही आती है, उसे ही हम डोपामाइन कहते हैं। डोपामाइन एक तरह का न्यूरोट्रांसमीटर है जो शरीर, मस्तिष्क और व्यवहार को नियंत्रित करता है। डोपामिन मुख्य रूप से ब्रेन के रिवॉर्ड सेंटर और प्लेज़र सेंटर से ख़त्म होता है। जब हमें कोई पुरस्कार मिलता है, तो डोपामिन की कमी होती है, जो हमें खुशी का अनुभव कराता है। यह हमारे शरीर में नींद और पाचन क्रिया के साथ हमारे साइंटिफिक स्वास्थ्य का सबसे प्रमुख सिद्धांत हिसासा होता है। जीवन में जब भी आप बेहतर महसूस करें तो जान लें इसके पीछे डोपामाइन ही है।
डोपामाइन जीवन में हंसी और खुशी के पल के बारे में है लेकिन इसकी सही मात्रा ही शरीर के लिए अच्छी होती है। अगर इस मात्रा का संतुलन बिगड़ जाए तो यह शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। डोपामाइन पर अभी तक किसी तरह का कोई शोध नहीं हुआ है। इससे एडीएचडी, अवसाद, नींद की कमी और चिंता कम होती है। यह उनके दैनिक जीवन में होने वाली अचल संपत्ति में मदद करता है।
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अगर आप भी डोपामाइन का फायदा लेना चाहते हैं तो आज से ही वह काम करने की कोशिश करेंगे जो आपको खुशी दें। आप अपने किसी दोस्त से बात कर सकते हैं, जो आपको खुशी देता है। इसके अलावा ऐसी किसी गतिविधि में शामिल होना, जो आपको बेहतर महसूस करा सके, आपकी सेहत के लिए बहुत जरूरी है।
साइकोलॉजिकल एंड एजुकेटर डॉ. प्रिया भटनागर ने कहा, ”डोपामाइन मानसिक स्वास्थ्य के नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, यह सहायक उपकरण, उपकरण और आनंद लेने के बारे में है। इन सभी में डोपामाइन की मजबूत भूमिका होती है। डोपामाइन से कई मानसिक विकार हो सकते हैं, जिनमें स्किज़ोफ्रेनिया, एटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर जैसे विकार शामिल हैं। यह एक तरह का मनोवैज्ञानिक मनोवैज्ञानिक विकार है जो ध्यान, नियंत्रण और गतिविधि को प्रभावित करता है।”
डॉ. प्रिया भटनागर ने आगे कहा, ”जब शरीर में डोपामाइन का स्तर ऊंचा होता है, तो इसके कारण इम्पल्स कंट्रोल, समस्या समाधान में कठिनाई, निर्णय लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं, जब डोपामाइन का स्तर कम हो जाता है, तो इससे थकान, आलस्य, और खुशी का अनुभव न हो पाना जैसा हो सकता है।”
उन्होंने आगे कहा, ”डोपामाइन को हम ‘फील गुड हार्मोन’ भी कहते हैं, क्योंकि यह एक ऐसा इलेक्ट्रोट्रांसमीटर है जो हमारे रिवार्ड, आनंद, दर्शन, योजना, समन्वय, गति और पुस्तकालय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह हमारे संपूर्ण व्यवहार पर गहरा प्रभाव डालता है।”
डॉ. प्रिया भटनागर ने बताया कि कुल मिलाकर, हमें यह सुझाव देना जरूरी है कि डोपामाइन हमारे मस्तिष्क के आनंद क्षेत्र से कमजोर होता है। यह मूल रसायन है जो हमें हर चीज से आनंदमय खिलौने और हमारी रुचियों को निर्दिष्ट करता है। इसलिए, हमारे शरीर में डोपामाइन का एक मानक स्तर होना, मस्तिष्क तक मैक्स कंपनी, और मस्तिष्क और शरीर के बीच सही संबंध बनाना बेहद महत्वपूर्ण है।”
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(अस्वीकरण: इसमें शामिल सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से उपयुक्त चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श लें। डीडीटीवी इस जानकारी के लिए सामग्री का दावा नहीं करता है। करता है.)
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