एक शादी भी ऐसी… दिल्ली पुलिस के SHO ने पेश की मिसाल, गुर्जर समाज में पिछड़ा जागरूकता

एक शादी भी ऐसी… दिल्ली पुलिस के SHO ने पेश की मिसाल, गुर्जर समाज में पिछड़ा जागरूकता

एक शादी भी ऐसी... दिल्ली पुलिस के SHO ने पेश की मिसाल, गुर्जर समाज में पिछड़ा वर्ग जागरूकता

शादी में दान-दहेज का पूरा बहिष्कार…


नई फ़िनिश:

गुर्जर समाज में जहां एक तरफ शान शौकत और इंटरनैशनल की परंपरा बनी हुई है। आज भी इस समाज में अपनी शानोशौकत और चौधराहट की खातिरदारी का चलन है। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने इस परंपरा को तोड़ते हुए अपने बेटे की शादी ऐसी की है, जो गुर्जर समाज को प्रेरित कर रही है।

दिल्ली पुलिस में उत्तरी इंस्पेक्टर जतन सिंह गुर्जर चौधरी इस समय दिल्ली के धर्मशाला में SHO हैं, वह समाज से आए हैं। उन्होंने अपने बेटे की शादी 28 नवंबर को की थी। विनाश के पिता अरुण चंदीला वकील और गिरधरपुर गांव के रहने वाले हैं। हर्षित और अंतिम संस्कार की शादी 28 नवंबर को बड़ी सादगी पूर्ण तरीके से हुई। इस विवाह ने समाज को नई दिशा वाला आदर्श प्रस्तुत किया।

शादी की बड़ी बातें…

  1. दान-दहेज का पूर्णतः बहिष्करण- वर पक्ष ने शादी के दौरान किसी भी प्रकार का शराब या सामान लेने से इंकार कर दिया। केवल अक्षर, लग्न, और कन्यादान में 1 रुपये ही स्वीकृत।
  2. पारंपरिक रियलिटी भाट में भी जतन चौधरी ने सिर्फ 101 रुपए लिए, जहां गुर्जर समाज में शराब का चलन काफी ज्यादा है, वहीं इस परिवार में यह कुरती कोक है।
  3. याकूदपुरिया के प्रधान जगत चौधरी के परिवार ने सबसे पहले समाज में आदर्श की स्थापना की और शराबमुक्त समाज की ओर कदम बढ़ाया।
  4. विवाह का आयोजन अत्यंत सरल और गरिमामय तरीके से हुआ, जिससे समाज को यह दर्शाया गया कि विवाह का मूल उद्देश्य प्रेम और सम्मान है। इस विवाह से यह स्पष्ट हो गया कि पारिवारिक और सामाजिक मूल्य के सिक्के और उपहार अधिक महत्वपूर्ण हैं।
  5. इस शादी ने गुर्जर समाज को नई दिशा देने की ओर कदम बढ़ाया है। इस सबसे पहले के बाद समाज में पार्टी के खिलाफ़ जागरूकता प्रतिरोध।
  6. विवाह के लिए संपूर्ण गुर्जर समाज ने प्रधान जगत चौधरी और उनके परिवार की प्रशंसा की और इसे एक नई शुरुआत बताई। यह विवाह समाज के लिए एक प्रेरणा है, जो सिखाता है कि यदि इच्छाशक्ति हो तो पारंपरिक कुरितियों को भी बदला जा सकता है।

बता दें कि भारत में नए सिरे से लाखों-करोड़ों रुपए खर्च होते हैं। डेरे के नाम पर लाखों रुपये नकद और कीमती सामान मिलते हैं। कई बार डाउनलोड न करने वाली लड़कियों पर अत्याचार भी किया जाता है। लड़कियों को जिंदा तक जला दिया जाता है। ऐसे में अगर लोग शराब पार्टी का बहिष्करण करें, तो काफी बड़े पैमाने पर समाधान हो सकता है।


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